भवन निर्माण कार्यां की लागत पर 1 प्रतिशत उपकर देना होगा

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Published on : 25 Dec, 25 07:12

श्रीगंगानगर। राज्य में सभी जिलों में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकारी (श्रमिक) कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 लागू है। जिसके तहत् प्रदश में 27 जुलाई 2009 के पश्चात् निर्मित सरकारी, वाणिज्यिक, निजी (आवासीय) भवनों व निर्माण कार्यां की लागत पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। उपकर (सेस) के तहत् वसूली जाने वाली राशि निर्माण श्रमिकों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं मे व्यय की जाती है।
उप श्रम आयुक्त श्री शिवचरण मीणा द्वारा बताया गया है कि 27 जुलाई 2009 के बाद निर्मित सरकारी, वाणिज्यिक, निजी आवासीय भवनों व निर्माण कार्यां को उपकर (सेस) के दायरे में रखा गया है। जिनमें से 10 लाख रुपये से कम लागत के बनाए गए केवल आवासीय भवनों को उपकर सेस के दायरे से बाहर रखा गया है। अगर 10 लाख रुपये की लागत से ज्यादा की लागत से अगर कोई आवासीय भवन बनता है तो उससे भी एक प्रतिशत (सेस) वसूला जाएगा। व्यवसायिक भवन निर्माण करवाने पर कोई छूट नही हैं।
इस अधिनियम के तहत् उप श्रम आयुक्त श्रीगंगानगर द्वारा अब तक 40 मालिकों, नियोजकों को नोटिस जारी किये गये हैं तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में 500 से अधिक निर्माण स्थल (आवासीय व व्यवसायिक) के मालिकों को नोटिस व रिमाइंडर दिये गये हैं, जिसमें पदमपुर में 135, रायसिंहनगर में 73, अनूपगढ में 40, श्रीगंगानगर में 70, करणपुर में 30, घड़साना, रावाला में 20, सादुलशहर में 40, सूरतगढ़ 80, विजयनगर में 20 नोटिस, रिमांइडर जारी किये गये तथा वसूली कार्यवाही हेतु 70 से ज्यादा प्रकरण विचाराधीन हैं। वित वर्ष 2025-26 में 120 नियोजकों के विरूद्ध एक तरफा कार्यवाही कर उपकर निर्धारण आदेश जारी किये गये हैं।
नोटिस के बाद उपकर राशि जमा नहीं कराने की स्थिति में श्रम विभाग भवन निर्माण की लागत के आधार पर एकतरफा उपकर निर्धारण करेगा। उपकर देय होने की अवधि में राशि जमा  न कराने पर 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज और 100 प्रतिशत पेनल्टी लगाई जा सकती है। कोई भी निर्माणकर्ता द्वारा नगर परिषद्, यू.आई.टी. में नक्शा स्वीकृति के समय उपकर की अनुमानित राशि जमा करवाई गई है, तो भी अंतिम उपकर निर्धारण राशि कार्यालय उप श्रम आयुक्त श्रीगंगानगर में जमा कराना अनिवार्य हैं।


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