34 दिन की उम्र में ब्याही, 19 साल दंश झेला अब सारथी के संबल से बाल विवाह निरस्त

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Published on : 25 Dec, 25 07:12

34 दिन की उम्र में ब्याही, 19 साल दंश झेला अब सारथी के संबल से बाल विवाह निरस्त

सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति भारती के मदद से क्रिसमस पर मिला आजादी का तोहफा, डॉ.कृति ने 53 वां बाल विवाह निरस्त करा अनूठा रिकॉर्ड बनाया

 

 जोधपुर। क्रिसमस डे से पहले एक बालिका वधू को बाल विवाह की जंजीरों से आजादी का तोहफा मिल गया। साल 2005 में महज 34 दिन की मासूम उम्र में बाल विवाह की शिकार बालिका वधु सोनिया ने करीब 19 साल तक दंश झेला। अब सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी एवं पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती के संबल और प्रयासों से सोनिया का बाल विवाह निरस्त हो गया। जोधपुर पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 के न्यायाधीश सतीश चंद्र गोदारा ने सोनिया के बाल विवाह निरस्त का फैसला सुनाया। जिसके साथ ही सोनिया व परिजनों की आंखों से खुशी के आंसु छलक गए । सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति ने अब तक 53 जोड़ो के बाल विवाह निरस्त करवा कर अनूठा रिकॉर्ड बनाया है। 

 

 

बाल विवाह की बेड़ियां, सारथी के संबल से मुक्ति की डगर

 

सोनिया का बाल विवाह जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में वर्ष 2005 में हुआ था, जब वह केवल 34 दिन की ही थीं। साल 2022 में गौना होने के बाद ससुराल भेजा गया, लेकिन कुछ अभद्रता के कारण मजबूरन पिता के घर लौटीं । इस पीड़ा के बीच सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी और चाइल्ड एंड वूमन राइट्स एडवोकेट डॉ. कृति भारती की बाल विवाह निरस्त की मुहिम के बारे में पता चला। डॉ. कृति के संबल से सोनिया ने हिम्मत जुटाई और पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 में बाल विवाह निरस्तीकरण का वाद दायर किया।

 

 

काउंसलिंग में सहमति, कोर्ट में बाल विवाह निरस्त का सुनाया फैसला

 

 बीबीसी 100 प्रभावशाली महिलाओं में शामिल डॉ. कृति भारती ने दोनों पक्षों की काउंसलिंग की। जिसमें दोनों पक्षों की बाल विवाह निरस्त करने पर सहमति बन गई। वर पक्ष के अधिवक्ता प्रकाश विश्नोई का भी सकारात्मक सहयोग रहा। डॉ.कृति ने न्यायालय में पैरवी करते हुए बाल विवाह के तथ्यों और दस्तावेजों को पेश किया। जिस पर पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 के न्यायाधीश सतीश चंद्र गोदारा ने सुनवाई कर बाल विवाह निरस्त का फैसला सुनाया। सोनिया को केवल 5 माह की न्यायिक प्रक्रिया में ही बाल विवाह से मुक्ति मिली।

 

 

कोर्ट का सशक्त संदेश: बाल विवाह एक जघन्य अपराध

 

फैसला सुनाते हुए पारिवारिक न्यायालय संख्या-1 के न्यायाधीश सतीश चंद्र गोदारा ने बाल विवाह की कुप्रथा पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह बच्चों के बचपन, शिक्षा और स्वास्थ्य को छीनने वाला जघन्य कृत्य है। ऐसी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने डॉ.कृति की साहसिक मुहिम की भी प्रशंसा की। 

 

 

डॉ. कृति भारती ने 53 बाल विवाह निरस्त कराए, 2200 रुकवाए 

 

उल्लेखनीय है कि सारथी ट्रस्ट की डॉ. कृति भारती ने ही देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाया था। अब तक उन्होंने 53 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवा दिए हैं तथा करीब 2200 से अधिक बाल विवाह रोके हैं। साहसिक मुहिम के लिए वर्ल्ड रिकार्ड्स इंडिया,एशिया बुक और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज है। सीबीएसई ने उनकी मुहिम को कक्षा 11 के पाठ्यक्रम में शामिल किया। डॉ. कृति को टेफ्ड मैगजीन की वर्ल्ड टॉप टेन एक्टिविस्ट सूची, बीबीसी की 100 प्रभावशाली महिलाओं की सूची, मारवाड़-मेवाड़ रत्न सहित कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है। 

 

 

 अब संवारूंगी अपना भविष्य

 

मुझे बाल विवाह कभी स्वीकार नहीं था। डॉ. कृति दीदी की मदद से मैंने लड़ाई लड़ी और अब आजाद हूं। अब पढ़ाई और आगे बढ़कर अपना भविष्य संवारूंगी।

– सोनिया, बाल विवाह विजेता

 

सोनिया को बाल विवाह से मुक्ति मिलना हमारी मुहिम की एक और जीत है। अब सोनिया के बेहतरीन पुनर्वास के लिए प्रयास कर रहे हैं। 

-डॉ.कृति भारती, मैनेजिंग ट्रस्टी, सारथी ट्रस्ट


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