महाराणा प्रताप किसी भी पार्टी और दल की देन नहीं है वरन् प्रताप अपने पूर्वजों के उज्जवल और गौरवपूर्ण कार्यों का प्रतिफल है

( 448 बार पढ़ी गयी)
Published on : 26 Dec, 25 16:12

डाॅ. जी. एल. मेनारिया

महाराणा प्रताप किसी भी पार्टी और दल की देन नहीं है वरन् प्रताप अपने पूर्वजों के उज्जवल और गौरवपूर्ण कार्यों का प्रतिफल है

समाचार पत्रों में छपे पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाब चन्द कटारिया के 22 दिसम्बर, 2025 गोगुन्दा में एक शिलालेख कार्यक्रम में दिए गए अनैतिहासिक, असंगत एवं अतार्किक बयान कि ‘‘महाराणा प्रताप को पहली बार जिन्दा करने का काम जनता पार्टी ने किया’’ इस बयान का आज ग्लोबल हिस्ट्री फोरम के संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ इतिहासकार डाॅ. जी. एल. मेनारिया ने खण्डन किया और बैठक में उपस्थित इतिहासकारों ने कड़ी निन्दा करते हुए मांग की कि श्री गुलाब चन्द कटारिया को सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण देना चाहिए और इस बयान पर सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए। नहीं तो स्वयं पार्टी के वरिष्ठ जननायक सर्वोच्च पद पर आसीन पंजाब के राज्यपाल की महिमा के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी की छवि खराब होगी।

साथ ही डाॅ. जी. एल. मेनारिया ने बताया कि उन्होंने अपनी पुस्तक ‘‘महाराणा प्रताप महान्’’ की प्रति राज्यपाल महोदय को उनके उदयपुर में प्रवास के दौरान सर्किट हाऊस में भेंट की थी। जिसका गम्भीरता से अध्ययन करने के बाद ही प्रताप जैसे युगपुरूष और अजेय राष्ट्र नायक पर टिप्पणी करना प्रासंगिक होगा।

इस बैठक में ग्लोबल हिस्ट्री फोरम के महासचिव डाॅ. अजातशत्रु सिंह राणावत, डाॅ. मिनाक्षी मेनारिया, डाॅ. मनोज भटनागर, डाॅ. जे. के. ओझा, सोहनलाल जोशी, चन्दन सिंह खोखावत, डाॅ. रामसिंह राठौड़ इत्यादि ने अपने विचार व्यक्त किए एवं बताया कि महाराणा प्रताप किसी भी दल व विचारधारा की देन नहीं है, वरन् महाराणा प्रताप के स्वाधीनता संघर्ष के कारण ही मेवाड़ के महाराणा भूपालसिंह जी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं पं. जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं के अनुरोध पर सम्पूर्ण मेवाड़ रियासत को भारत संघ में मिलने की घोषणा की थी, तभी देश की अन्य सभी रियासतें अखण्ड और स्वाधीन शक्तिशाली भारत के निर्माण हेतु तैयार हुई।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.