उदयपुर, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर की कुलगुरु प्रो. सुनीता द्वारा भारतीय ज्ञान प्रणाली एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति विषयक संगोष्ठी में औरंगजेब को "सबसे कुशल प्रशासक" कहे जाने पर विवाद गहराता जा रहा है।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) ने इसे भारतीय संस्कृति का अपमान बताते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। संगठन के महामंत्री प्रो. रिछपाल सिंह ने कहा,
“भारत के महान योद्धाओं महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान की तुलना विदेशी आक्रांता अकबर से करना और औरंगजेब जैसे क्रूर शासक को ‘कुशल प्रशासक’ बताना न केवल तथ्यहीन और असंगत है, बल्कि छात्रों को भ्रामक दिशा देने वाला वक्तव्य भी है।”
संगठन के अध्यक्ष प्रो. मनोज बहरवाल ने इसे शिक्षा जगत के लिए शर्मनाक बताते हुए कहा,
“औरंगजेब ने मंदिरों को ध्वस्त किया, गुरु तेगबहादुर जी और छत्रपति संभाजी की हत्या की, हिंदुओं पर जजिया कर थोपा और भारतीय ज्ञान परम्पराओं को कुचलने का प्रयास किया। ऐसे शासक को आदर्श बनाना औपनिवेशिक और वामपंथी इतिहासकारों का विकृत विमर्श है, जिसे विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित मंच से नहीं दोहराया जाना चाहिए।”
शैक्षिक महासंघ ने राज्य सरकार एवं महामहिम राज्यपाल से कुलगुरु पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग की है। महासंघ का कहना है कि भविष्य में कोई भी विश्वविद्यालय पदाधिकारी भारतीय संस्कृति के मानबिन्दुओं और महान विभूतियों का अपमान न कर सके, इसके लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक है।