उदयपुरउदयपुर की युवा साहित्यकार श्रीमती शकुंतला पालीवाल ने राष्ट्रपति निलयम हैदराबाद तेलंगाना में आयोजित हो रहे भारतीय कला महोत्सव में 29 नवंबर को दूसरे सत्र "बहुभाषी कहानी पाठ" में मायड भाषा राजस्थानी की कहानी 'अणछाई' का पाठ किया, जिसे बहुत सराहना मिली। उनकी
प्रस्तुत कहानी ‘अणछाई’ नाम की उस बच्ची की है, जो ऐसे समाज में जन्म लेती है जहाँ तीसरी बेटी होने पर उसे अणछाई, धापू, रामघणी, बसकरो जैसे नाम दे दिए जाते हैं मानो उसका जन्म किसी गलती का परिणाम हो | जबकि कसूर उसका नहीं, बल्कि उस सोच का होता है जो बेटियों का महत्व नहीं समझती |

इसी सत्र में गुजरात की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गिरिमा घरेखन ने अपनी गुजराती कहानी "नंगे पैर" तथा गोआ से आई सुश्री जोफा गोंजालविस ने अपनी कोंकणी कहानी "चूक " का पाठ किया। अंत में कार्य क्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ गिरिमा ने सभी पठित कहानियों का विश्लेषण किया। वहाँ उपस्थित सभी साहित्य प्रेमियों ने पठित कहानियों की प्रशंसा की।
यह कार्यक्रम केंद्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया