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साहस, अनुशासन और संस्कारों का सीखा सबक, अब समाज में बिखेरेंगे चमक

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19 Sep 25
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साहस, अनुशासन और संस्कारों का सीखा सबक, अब समाज में बिखेरेंगे चमक

राजस्थान राज्य भारत स्काउट-गाइड मुख्यालय के तत्वावधान में उदयपुर के निकट उदयनिवास में 15 सितम्बर से आयोजित राज्य स्तरीय जनजाति स्काउट-गाइड महोत्सव का गुरुवार को भव्य समापन हुआ। यह महोत्सव जनजाति बाहुल्य जिलों से आए बच्चों के कौशल, संस्कार और अनुशासन का अद्भुत संगम रहा।
समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि स्काउट-गाइड के प्रशिक्षण से बच्चों में अनुशासन, सेवा भावना और नेतृत्व कौशल विकसित होता है। उन्होंने बच्चों से संस्कारवान बनकर माता-पिता, समाज और देश की सेवा करने का आह्वान किया। राज्य प्रशिक्षण आयुक्त बन्नालाल भी बतौर अतिथि मौजूद रहे।
प्रारंभ में सीईओ स्काउट सुरेंद्र पाण्डे सहित अन्य ने अतिथियों का स्वागत किया। श्री पाण्डे ने महोत्सव का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि महोत्सव में जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के 9 जिलों से लगभग 450 स्काउट-गाइड एवं रोवर-रेंजर ने भाग लिया। कैम्प के दौरान प्रतिभागियों ने विभिन्न एडवेंचर गतिविधियों में भाग लेकर अपने कौशल का प्रदर्शन किया। समापन कार्यक्रम में स्काउट-गाइड छात्र-छात्राओं ने रंगारंग  सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया। आयोजन में सहयोग करने वाले भामाशाहों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी सम्मान किया गया। इस अवसर पर सीओ गाइड अभिलाषा मिश्रा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

यह रहे मुख्य आकर्षण
महोत्सव के दौरान एडवेंचर गतिविधियां, फूड प्लाजा, फैशन शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। एडवेंचर गतिविधियों में टायर वॉल, टायर चिमनी, लेटर क्रॉसिंग, गन शूटिंग, मंकी ब्रिज, कमांडो ब्रिज, मंकी क्रॉल, टचिंग पॉइंट, ब्लाइंड ट्रेन, बैलेंसिंग बीम,  हैंगिंग टायर, रिंग फसाना, डिब्बे गिरना, एवं अन्य एडवेंचर फन गतिविधियों का आयोजन किया गया। शिविर में पधारे संभागियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसके अलावा विभिन्न प्रतियोगिताओं नारा लेखन, निबंध, पोस्टर वाद्य यंत्र, जनजाति परंपरा कलाकृति, रंगोली, मार्शल आर्ट आदि का भी आयोजन हुआ। फ़ैशन शो तथा फूड प्लाजा की प्रतियोगिताओं में स्काउट गाइड ने अपने अपने क्षेत्र के ठेट देशी व्यंजन बनाकर मेहमान नवाजी का प्रदर्शन किया। सायंकाल वेला में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, शिविर ज्वाल का आयोजन किया गया। इसके अलावा संभागियों को उदयपुर के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण भी कराया गया।


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