गुरु पूजन कर दीक्षा ली और आध्यात्मिक मूल्यों के संरक्षण-संवर्धन का संकल्प दोहराया
बांसवाड़ा/ प्राचीनतम सिद्ध तपोभूमि श्री लालीवाव मठ में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा महोत्सव की धूम रही। दिन भर श्रृद्धालुओं का तांता लगा रहा।
बांसवाड़ा जिले एवं आस-पास के राज्यों से आए सैकड़ों भक्तों ने मठ के मन्दिरों में देवदर्शन किए, पूर्ववर्ती पीठाधीश्वरों की मूर्तियों के समक्ष धोक लगाई, विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लिया और दीक्षा ग्रहण की।
गुरु पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ लालीवाव पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज ने ब्रह्ममुहूर्त में विनायक महापूजा एवं शंख ध्वनि से किया।
इसके उपरान्त दोपहर बाद तक उमड़ते रहे श्रृद्धालु नर-नारियों ने श्री पद्मनाभ भगवान, जितेन्द्रिय महादेव, रामेश्वर धाम, जानकी कुटिया, हनुमानजी आदि देवी-देवताओं के प्राचीन मन्दिरों में दर्शन किए। लालीवाव मठ के पूर्व पीठाधीश्वरों एवं सिद्ध तपस्वियों की समाधियों पर पुष्पार्पण कर उनका पावन स्मरण किया।
पण्डितों के समूहों ने विधि-विधान के साथ गुरु पूजन-अर्चन अनुष्ठान किया। दोपहर बाद तक गुरुपादुका पूजन, गुरुगादी पूजन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। लालीवाव मठ के पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर श्रीमहंत हरिओमदासजी महाराज ने इन भक्तों को गुरु गादी की परम्परा के अनुरूप दीक्षा प्रदान कर नए जीवन की शुरूआत कराई।
इन अनुष्ठानों की पूर्णाहुति के उपरान्त श्रृद्धालुओं ने भक्ति भाव के साथ गुरु आरती की और पीठाधीश्वर का आशीर्वाद पाया। महाप्रसादम् भण्डारा में सैकड़ों भक्तों ने दिव्य प्रसाद का लाभ पाया।