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‘‘सेवा पर्व पखवाड़ा’’ के अंतर्गत आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर में

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18 Sep 25
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‘‘सेवा पर्व पखवाड़ा’’ के अंतर्गत आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर में

गरीबी और बीमारी में निक्षय पोषण योजना ने दिया रामा रावत को सहारा’’

भीलवाड़ा :  राज्य सरकार के निर्देशानुसार चल रहे ‘‘सेवा पर्व पखवाड़ा’’ के तहत आयोजित ग्रामीण सेवा शिविरों ने जरूरतमंद परिवारों की जिंदगी में नई रोशनी जगाई है। शिवनगर, गागेड़ा निवासी रामा रावत भी उनमें से एक हैं, जिन्हें गरीबी और बीमारी की मार के बीच निक्षय पोषण योजना ने जीने का नया सहारा दिया। शिविर के दौरान जिला कलेक्टर श्री जसमीत सिंह संधू ने स्वयं रामा को पोषण किट भेंटकर संबल प्रदान किया।

शिविर में जिला कलेक्टर श्री संधू ने कहा कि “टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, इसे दवा और पोषण से पूरी तरह हराया जा सकता है। सेवा पर्व पखवाड़े दौरान प्रशासन का लक्ष्य है कि जरूरतमंद परिवारों के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचे और किसी भी परिवार को अभाव का सामना न करना पड़े।”

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव कुमार शर्मा के अनुसार रामा रावत लंबे समय से खांसी और कमजोरी से जूझ रहे थे। परिवार का पालन-पोषण करने वाला इकलौता सहारा होने के बावजूद बीमारी ने उनकी स्थिति दयनीय बना दी थी। आयुष्मान आरोग्य मंदिर गागेड़ा पर सीएचओ जितेन्द्र कुमार से परामर्श के बाद बलगम की जांच करवाई गई, जिसमें गुलाबपुरा सीएचसी पर आधुनिक मशीन से पुष्टि हुई कि वे टीबी से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत गागेड़ा उप स्वास्थ्य केन्द्र पर उनका डॉट्स उपचार प्रारंभ किया।

रामा की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से उन्हें पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा था। इस स्थिति को देखते हुए जिला कलेक्टर श्री जसमीत संधू एवं बीसीएमओ गुलाबपुरा डॉ. सौरभ कुमार की उपस्थिति में निक्षय मित्र बनकर ग्रामीण सेवा शिविर के दौरान रामा रावत को आटा, चावल, दाल, तेल व अन्य खाद्य सामग्री से युक्त पोषण किट उपलब्ध कराई गई। यह पहल न केवल उनके स्वास्थ्य सुधार का साधन बनी, बल्कि परिवार को भी संबल मिला। जिले में निक्षय पोषण योजना के माध्यम से टीबी मरीजों को लगातार लाभान्वित किया जा रहा है, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और टीबी उन्मूलन की दिशा में ठोस प्रगति हो रही है।

लाभान्वित रामा रावत ने कहा कि “गरीबी और बीमारी ने जीवन कठिन बना दिया था, पर सरकार की निःशुल्क चिकित्सा सेवाओं और प्रशासन द्वारा मिली पोषण किट ने मुझे नया आत्मविश्वास दिया है। अब मैं संतुलित आहार लेकर पूरी मजबूती से इस बीमारी से लड़ सकूँगा। पहले से काफी स्वस्थ महसूस कर रहा हूँ और समाज में भी इस पहल का प्रचार कर दूसरों को जागरूक करूँगा।”

रामा ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह सहयोग उनके लिए नई जिंदगी का वरदान साबित हुआ है।


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