उदयपुर। सेंट्रल एकेडमी सेक्टर 3 और 4 में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना और गायत्री मंत्र के उद्घोष से हुई, जिसका संचालन सुभाष मेहता और सरस्वती माहेश्वरी ने किया। ध्यान सत्र का संचालन आर्ट ऑफ लिविंग की प्रशिक्षिका दिव्या सिंहल द्वारा कराया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) श्री लोकेश भारती रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा सनातन है और संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए आज भी अत्यंत प्रासंगिक एवं आवश्यक है।
मुख्य वक्ता के रूप में मोटिवेशनल स्पीकर श्री आशीष सिंहल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा में विज्ञान की गहराई को उजागर किया। उन्होंने बताया कि कैसे ऋषि भारद्वाज ने हजारों वर्ष पूर्व वैमानिक शास्त्र की रचना की, जिसमें विमानों की संरचना, गति और प्रकार का विवरण मिलता है। उन्होंने भास्कराचार्य द्वारा लिखे सिद्धांत शिरोमणि में गुरुत्वाकर्षण के नियम तथा परमाणु बम के जनक ओपनहाइमर द्वारा महाभारत को प्रेरणा स्रोत बताने जैसे उदाहरणों के माध्यम से भारतीय ज्ञान की वैज्ञानिकता को रेखांकित किया।
कार्यक्रम का संयोजन पाठशाला संयोजक श्री गोपाल कनेरिया द्वारा किया गया। साथ ही उन्होंने पुरस्कार वितरण भी संपन्न कराया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री हनुमान नामदेव ने समस्त अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।