कल्पवृक्ष रीडिंग क्लब, उदयपुर द्वारा आयोजित ऑनलाइन वर्कशॉप में पुस्तक समीक्षा लेखन पर डॉ. कुंजन आचार्य ने प्रतिभागियों को पुस्तक पाठन और पुस्तक समीक्षा के गहन दृष्टिकोण से अवगत कराया। कल्पवृक्ष बुक क्लब साहित्य के प्रति रुचि जागृत करने, पुस्तक प्रदत विचारों के आदान-प्रदान और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पित एक मंच है।
सत्र में डॉ. आचार्य ने बताया कि किताबों से भावनात्मक जुड़ाव अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि जब हम मन लगा कर भाव जोड़ते हुए पुस्तक पढ़ते हैं, तभी साहित्य की गहराई और प्रभाव हमारे भीतर उतरता है। उन्होंने अखबार में संपादकीय पढ़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जो हमारी विश्लेषणात्मक सोच को निखारती है और हमें समाज व समकालीन मुद्दों से जोड़ती है।
डॉ. आचार्य ने यह भी समझाया कि पढ़ाई हमेशा अपनी रुचि के अनुसार होनी चाहिए और सूचीबद्ध ढंग से पढ़ने से पठन अधिक अनुशासित और सार्थक बनता है। उन्होंने बताया कि पढ़ना केवल साहित्य तक सीमित नहीं रहना चाहिए—ज्ञान हर स्थान पर है, और विभिन्न विषयों और विधाओं से सीखने से हमारी संवेदनाएँ और भाषा समृद्ध होती हैं।
सत्र में प्रतिभागियों ने पुस्तक समीक्षा पर भी मूल्यवान मार्गदर्शन प्राप्त किया। डॉ. आचार्य ने सरल और व्यावहारिक दृष्टिकोण से बताया कि समीक्षा जटिल नहीं होनी चाहिए और इसे किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह से मुक्त रखना चाहिए। एक सच्चा समीक्षक वही है जो पुस्तक की अच्छाइयों और कमजोरियों दोनों को सत्यता से उजागर करे, उसका समग्र मूल्यांकन प्रस्तुत करे और यह स्पष्ट करे कि यह पुस्तक किस पाठक वर्ग के लिए उपयुक्त है।
इस विशेष सत्र में उपस्थित प्रतिभागियों में श्रीमती रुचि श्रीमाली, कार्यक्रम आयोजक एवं बुक क्लब संस्थापक तथा बुक क्लब मेम्बर- डॉ. अंजली जुयाल, डॉ. किरण शर्मा, श्रीमती रीना गुप्ता, श्रीमती सिमरन कालरा, श्रीमती पिंकी सोनी, श्रीमती बीनू राठौड़, सुश्री मिशा श्रीमाली, डॉ. लीना दवे, सुश्री रितिशा एवं अन्य मेंबर शामिल थे।