दिनांक 10, जुलाई, 2025 को मात्स्यकी महाविद्यालय में राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मनाया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आर. ए. कौशिक ने की तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ. एम. एल ओझा ने किया इस अवसर पर डॉ. आर. ए. कौशिक ने विद्यार्थियों से राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आज ही के दिन वर्ष 1957 में उड़ीसा के छोटे से गांव में प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. हीरालाल चैधरी व डाॅ. अली कुन्ही ने भारत में भारतीय शफर मछलियों का सफल प्रेरित प्रजनन करवाया था यह दिन केन्द्र सरकार के निर्देशानुसार देश के मत्स्य पालक किसानों को समर्पित है हमें इस दिवस पर हमारे देश के मत्स्य पालक किसानों की उन्नति व वह संपन्नता के लिए प्रयास करने की शपथ लेनी चाहिए ताकि देश का मछली उत्पादन में वृद्धि हो सके यह दिन उन सभी मत्स्य पालक किसानों को समर्पित है इस अवसर पर डॉ. एम. एल. ओझा ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि आप मछली पालन के विद्यार्थी होने के नाते देश का मछली पालन किसान आपकी और देख रहा है तथा इस विषय में आप भविष्य में उनके लिए पथ प्रदर्शक बनेंगे अतः आप अपने पाठ्यक्रम का अच्छी तरह से सीख कर आने वाले समय में किसानों को लाभदायक व्यवसाय की जानकारियां प्रदान करें इसके लिए आपको व्यावसायिक दक्षता प्राप्त करनी है तथा शपथ लेनी है कि मैं इस देश के मत्स्य किसानों के कल्याण के लिए सदैव कार्य करता रहूंगा एवं उनकी उन्नति व प्रगति के लिए सदैव तत्पर रहूंगा। कार्यक्रम में विद्यार्थियों के अतिरिक्त श्री बाबू लाल जाट, प्रभुलाल गायरी, प्रकाश मालवीय, श्रीमती आरती वर्मा व श्रीमती रीना उपस्थित रहे।