स्वधर्म एवं स्वतंत्रता के लिए झारखंड के जनजाति क्षेत्र में अंग्रेजों के विरुद्ध धर्मांतरण के कुचक्र को रोकने के लिए आंदोलन खड़े करने वाले भगवान बिरसा मुंडा की पावन जन्मस्थली उलीहातु झारखंड से वनवासी कल्याण परिषद के कार्यकर्ता उस पावन मिट्टी को धूमधाम से राजस्थान में लेकर आए।
जिस प्रकार भगवान बिरसा मुंडा ने झारखंड के जनजाति क्षेत्र में राष्ट्रीय गतिविधियों एवं धर्मांतरण के कुछ चक्र के विरुद्ध जनजाति युवाओं एवं समाज में एक चेतना का जागरण किया था उसी का परिणाम था कि अंग्रेज उनसे बहुत अधिक घबरा गए वह एक षड्यंत्र के द्वारा उनको बहुत ही अल्पायु के अंदर जेल में जहर देकर मार डाला गया उनके द्वारा पैदा की गई यह क्रांति जनजाति समाज की अस्मिता अस्तित्व गौरव के मान को बढ़ाती है इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए राजस्थान के जनजाति एवं सर्व समाज में भगवान बिरसा मुंडा के कृतित्व एवं व्यक्तित्व को बताने एवं जनजाति समाज के गौरव को बढ़ाने के लिए उनकी माटी को यहां पर लाना एवं एक कलश के रूप में गवरी चौक उदयपुर स्थित राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद के केंद्रीय कार्यालय में स्थापित करना एक नई चेतना को जन्म देगा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व आईपीएस डॉक्टर टी सी डामोर ने बताया कि हाल ही में रांची में अखिल भारतीय कार्यकर्ता बैठक में भगवान बिरसा मुंडा के प्रपोत्र श्री सुखराम मुंडा बैठक में आए और उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला उन्हीं की प्रेरणा से देश भर में सभी प्रांतो में इस पावन मिट्टी को एक कलश के रूप में भेजने की योजना बनाई गई है महामंत्री श्री वीरेंद्र जी पंचोली ने बताया कि राजस्थान के जनजाति विकास एवं कल्याण मंत्री श्री बाबूलाल जी खराड़ी ने कलश का पूजन कर स्वागत अभिनंदन किया संपूर्ण कार्यक्रम में जनजाति समाज के युवाओं के द्वारा देसी वाद्य यंत्रों से कलश का स्वागत किया गया।
इस मोके पर परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री जगदीश कुलमी,सह संगठन मंत्री हररतन डामोर, प्रांत संरक्षक गोपाल लाल,मोहन जैन सहित 12 जिलों के प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।