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धन की सम्पन्नता के साथ मन की सम्पन्नता हो तभी दान दे सकेंगेःसाध्वी संयम ज्योति

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14 Aug 24
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धन की सम्पन्नता के साथ मन की सम्पन्नता हो तभी दान दे सकेंगेःसाध्वी संयम ज्योति

समता मूर्ति साध्वी जयप्रभा की सुशिष्या साध्वी संयम ज्योति ने कहा कि पुण्य में प्राप्त धन, वैभव, बुद्धि, वैभव का बेस्ट यूज करके व्यक्ति पुण्य के बीज बोकर मानवता का पौधा उगा सकता है।
साध्वी ने कहा कि धन की सम्पन्नता के साथ मन की सम्पन्नता हो तभी दान दे सकता है। धन की सम्पन्नता हो और मन की सम्पन्नता नहीं हो तो व्यक्ति पुण्य के फल में पाप का बीज बोता है जिससे पाप की फसल तैयार होती है।
साध्वी ने कहा- कदाचित धन की सम्पन्नता न हो परंतु मन की सम्पन्नता हो तो व्यक्ति धन आने पर अपने अरमान पूरे कर सकता है। धन के अभाव में व्यक्ति मन, वचन, काया का बेस्ट यूज करके पुण्य का उपार्जन कर सकता है।
साध्वी ने कहा - विरोधी व्यक्ति दया का पात्र होता है। अगर व्यति उसके लिये प्रतिदिन सुबह, शाम और दोपहर प्रभु से उसके लिये मंगल कामना करे उसको सद्बुद्धि मिले। ऐसी एक महीने की लगातार प्रभु को प्रार्थना करे तो उसकी कुबुद्धि सद्बुद्धि में कन्वर्ट हो सकती है। मीठे बोल बोलकर भी व्यक्ति वचन, पुण्य उपार्जित कर सकता है।
वीरे गेल बोलकर भी व्यक्ति वचन उपार्जित कर सकता है तो काया के द्वारा शुभ प्रवृत्ति करके काय पुण्य उपार्जित कर सकता है।
साध्वी ने कहा कि नमस्कार की पुण्य सैन्धनवान को नमस्कार करने पर तो शायद ही धनवान बने परंतु गुणवान को नमस्कार करने से अवश्य गुणवान बना जा सकता है।


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