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एसएमएस अस्पताल में आगकांड के बाद प्रदेश सरकार सख्त, सभी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा जांच अभियान शुरू

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27 Nov 25
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एसएमएस अस्पताल में आगकांड के बाद प्रदेश सरकार सख्त, सभी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा जांच अभियान शुरू

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में हाल ही में हुई आग की घटना के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा पूरे प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और संबद्ध अस्पतालों में व्यापक सुरक्षा निरीक्षण अभियान प्रारंभ किया गया है। इस उद्देश्य से विशेष निरीक्षण टीमें गठित की गई हैं, जो सुरक्षा, विद्युत व्यवस्था, फायर सेफ्टी तथा भवनों की संरचनात्मक मजबूती सहित कुल 49 बिंदुओं पर आधारित चेकलिस्ट के अनुसार जांच कर रही हैं।

निर्देश जारी किए गए हैं कि जहां भी जोखिम या कमी दिखाई दे, उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर तत्काल सरकार को प्रेषित की जाए, ताकि उसके आधार पर आवश्यक सुधारात्मक निर्देश जारी किए जा सकें। इसी क्रम में जयपुर से आई निरीक्षण टीम द्वारा उदयपुर स्थित आरएनटी मेडिकल कॉलेज में दो दिवसीय निरीक्षण पूरा कर लिया गया है। जानकारी देते हुए कॉलेज प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर ने बताया कि पूरे परिसर का विस्तृत मूल्यांकन किया गया है तथा अगली कार्रवाई सरकार के निर्देशों के पश्चात की जाएगी।

सुरक्षा जांच को छह श्रेणियों में विभाजित किया गया

1. संरचनात्मक सुरक्षा

सुरक्षित बाउंड्री वॉल, मुख्य गेट, बालकनी व छत पर ग्रिल एवं कैटल ट्रैप, प्रवेश एवं निकास की स्पष्ट पहचान, खिड़कियों पर मजबूत रेलिंग, फफूंद व सीलन मुक्त भवन, क्रिटिकल केयर यूनिट के लिए सुरक्षित स्थान, नॉन-स्लिप फर्श, ओटी एवं आईसीयू में बाहरी प्रवेश पर प्रतिबंध, आपातकालीन एस्केप प्लान, नियमित मॉक ड्रिल, लिफ्ट में ऑटोमेटिक रेस्क्यू सिस्टम आदि बिंदुओं का निरीक्षण किया गया।

2. विद्युत सुरक्षा

नियमित विद्युत ऑडिट, पैनलों पर कवर, टूटे या खुले पैनलों पर रोक, जोखिम क्षेत्रों पर चेतावनी संकेत, क्रिटिकल वार्ड में 24x7 निर्बाध बिजली आपूर्ति, ग्लो साइन, एग्जिट मार्किंग, अवरोध-मुक्त मार्ग तथा इवैक्यूएशन प्लान की व्यवस्था की जांच की गई।

3. फायर सेफ्टी

फायर डिटेक्शन और अलार्म सिस्टम, फायर एनओसी, फायर टैंक की नियमित सफाई, एबीसी व CO2 एक्सटिंग्विशर की उपलब्धता, स्टाफ का प्रशिक्षण, धुएं की निकासी प्रणाली, बैटरी बैकअप लाइट, सुरक्षित एमसीबी बोर्ड और हाइड्रेंट की नियमित टेस्टिंग जैसे प्रावधानों की समीक्षा की गई।

4. सुरक्षा एवं प्रवेश नियंत्रण

विजिटर पास सिस्टम, भीड़ प्रबंधन, स्टाफ आईडी, पर्याप्त सुरक्षा गार्ड, रात्रि ड्यूटी में महिला स्टाफ की सुरक्षा, पब्लिक एड्रेस सिस्टम आदि को अनिवार्य माना गया।

5. प्रकाश व्यवस्था

मरीजों के क्षेत्रों में पर्याप्त रोशनी, एलईडी व सोलर लाइट की उपलब्धता और खराब या ब्लिंकिंग लाइटों को तत्काल बदलने के निर्देश दिए गए।

6. जल एवं स्वच्छता

चौबीसों घंटे पानी की उपलब्धता, स्वच्छ वॉशरूम, आरओ पेयजल की व्यवस्था आदि की जांच की गई।

कमियों पर तत्काल सुधार के निर्देश

जर्जर भवनों, गंदगी, ढीली वायरिंग, खराब विद्युत पैनल और टूटे प्लास्टर को तुरंत ठीक करने के आदेश दिए गए हैं। 15 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली सभी इमारतों में फायर एनओसी अनिवार्य की गई है। हाई-रिस्क क्षेत्रों में सीसीटीवी व अलार्म सिस्टम स्थापित करने तथा सभी अस्पतालों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने या अपग्रेड करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

जयपुर से आए निरीक्षण अधिकारी

निरीक्षण दल में अतिरिक्त निदेशक प्रशासन लोकेश कुमार, वरिष्ठ लेखा अधिकारी राजेश मीणा, लेखा अधिकारी सीताराम यादव एवं सिविल विभाग से भूपेंद्र कुमार महावर शामिल थे। टीम द्वारा आरएनटी मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ एमबी हॉस्पिटल, जनाना अस्पताल, बाल चिकित्सालय, हार्ट हॉस्पिटल, हिरणमगरी सैटेलाइट, अंबामाता हॉस्पिटल और टीबी हॉस्पिटल बड़ी का भी निरीक्षण किया गया।


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