देवनानी की संविधान दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं और कहा- भारतीय संविधान लोकतंत्र की आत्मा
जयपुर। राजस्थान विधान सभा में संविधान दिवस पर बुधवार को अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी विधान सभा डिजिटल संग्रहालय में नव निर्मित वंदे मातरम दीर्घा का शुभारम्भ करेंगे। श्री देवनानी ने राष्ट्र गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर विधान सभा संग्रहालय में वंदे मातरम दीर्घा का निर्माण कराया है। श्री देवनानी ने बताया कि दीर्घा में वंदे मातरम् का पूरा इतिहास 37 पैनल के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह दीर्घा शोधकर्ताओं, छात्रों और आमजन के लिए बहुपयोगी है।
*युवा संवाद-* श्री देवनानी ने बताया कि विधान सभा में संविधान दिवस पर युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है। युवा विधान सभा में संविधान दिवस पर चर्चा करेंगे। विधान सभा के राजनैतिक आख्यान संग्रहालय का विधि शिक्षा से जुड़े युवा अवलोकन भी करेंगे। समारोह में संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल, नेता प्रतिपक्ष श्री टीकाराम जूली और अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री जी.एस. गिल भी मौजूद रहेंगे।
*वंदे मातरम दीर्घा-* विधान सभा के राजनैतिक आख्यान संग्रहालय में अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी की परिकल्पना के अनुरूप वंदे मातरम दीर्घा का निर्माण किया गया है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष संविधान दिवस पर श्री देवनानी की पहल पर संग्रहालय में संविधान दीर्घा का निर्माण किया गया था। वंदे मातरम दीर्घा में सैंतीस पैनलों के माध्यम से वंदे मातरम के इतिहास और इससे सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियों का समावेश किया गया है। सन् 1875 में अक्षय नवमी के दिन वंदे मातरम की रचना, बंकिमचन्द्र ने इसे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के लालगोला में लिखा, संस्कृतनिष्ठ बंगाली में लिखे गए मूल गीत के चित्र सहित विभिन्न जानकारियों के समावेश सहित बनाये गए पैनलों की दीर्घा आमजन, युवा, शोधार्थी और छात्र-छात्राओं के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।
*श्री देवनानी की प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं और कहा भारतीय संविधान लोकतंत्र की आत्मा-* संविधान दिवस पर राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत का संविधान महत्वपूर्ण दस्तावेज है। भारतीय संविधान हमारे लोकतंत्र की आत्मा और नागरिक अधिकारों का आधारस्तंभ है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर का दिन संविधान निर्माताओं की दूरदृष्टि, त्याग और प्रतिबद्धता की याद दिलाता है, जिन्होंने विविधताओं से भरे भारत के लिए आधुनिक, समावेशी और न्यायपूर्ण संविधान तैयार किया।