उदयपुर, ‘‘बदलते कृषि परिदृश्य में सतत् पौध संरक्षण की उन्नति’’ विषयक त्रिदिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 18 सितम्बर, गुरूवार को राजस्थान कृषि महाविद्यालय के नूतन सभागार में प्रातः 10 बजे आरम्भ होगा। इस सम्मेलन में देश के 17 राज्यों से 400 से अधिक कृषि वैज्ञानिक, शोधार्थी और औद्योगिक प्रतिनिधि भाग लेंगे।
सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी करेंगे। विशेष अतिथि के रूप में राजस्थान सरकार के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत तथा आईसीएआर नई दिल्ली के सेक्रेटरी डेयर एवं महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता MPUAT के कुलगुरु डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक करेंगे।
मुख्य आयोजन सचिव डॉ. मनोज कुमार महला ने बताया कि MPUAT, एन्टोमोलॉजिकल रिसर्च एसोसिएशन और क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन में बदलते कृषि परिदृश्य, पौध संरक्षण, सटीक प्रौद्योगिकियों और कीट प्रबंधन जैसे विषयों पर मंथन होगा। इस दौरान मेक इन इंडिया के तहत कृषि वैज्ञानिक और कीटनाशक उद्योग प्रतिनिधि भी विचार साझा करेंगे। पौध संरक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 40 लोगों को सम्मानित किया जाएगा।
डॉ. महला ने कहा कि भारत की मौजूदा आबादी 1.45 अरब है और 2050 तक इसके 1.70 अरब तक पहुँचने का अनुमान है। भूमि और पानी की कमी, जलवायु परिवर्तन से बढ़ते कीट व रोगों के खतरे के बीच 30-40 प्रतिशत फसलें कीट और बीमारियों के कारण नष्ट हो जाती हैं। ऐसे में जैविक कीटनाशक, एकीकृत कीट प्रबंधन और पर्यावरण अनुकूल समाधान अपनाना आवश्यक है।
सम्मेलन में देश की प्रमुख एग्रोकेमिकल कंपनियाँ—पेस्टीसाइड्स इंडिया, यूपीएल, एरिस्टो बायोटेक, धानुका एग्रीटेक, सिन्जेन्टा, सूमिटोमो, इंडोफील, क्रिस्टल क्रॉप केयर, बायर, घरडा केमिकल्स और बेस्ट एग्रो—भी भाग लेंगी। सभी विशेषज्ञ मौजूदा भूमि पर अधिक उत्पादन, संसाधनों का कुशल उपयोग, फसल विविधिकरण, जलवायु लचीलापन और कटाई पश्चात प्रबंधन जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।