श्रीगंगानगर जिले में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत बाल विवाह की रोकथाम हेतु विभिन्न जागरूकता गतिविधियां 8 मार्च 2026 तक आयोजित की जायेगी।
जिला कलक्टर डॉ. मंजू ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 27 नवम्बर 2025 से 8 मार्च 2026 तक 100 दिनों का विशेष अभियान तीन चरणों में आयोजित किया जा रहा है। अभियान के प्रथम चरण 27 नवम्बर से 31 दिसम्बर 2025 में विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के माध्यम से जागरूकता पैदा करना, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिये संवेदीकरण सत्र, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, निबंध प्रतियोगिताएं, बाल विवाह के विरूद्ध शपथ ग्रहण, नोटिस बोर्ड और कक्षाओं में पोस्टर आदि का प्रदर्शन करना शामिल है।
द्वितीय चरण 1 जनवरी से 31 जनवरी 2026 में धार्मिक गुरूओं को सभाओं के दौरान बाल विवाह को हतोत्साहित करने वाली सार्वजनिक घोषणाएं करने के लिये प्रोत्साहित करना एवं विवाह भवन, बैंड पार्टियां, डीजे, कैटरर्स और टेंट हाउस के सेवा प्रदाताओं से बाल विवाह के विरूद्ध सूचना और संचार सामग्री प्रदर्शित करने और यह वचन देने कि वे बाल विवाह के लिये अपनी सेवाएं प्रदान नहीं करने हेतु अनुरोध किया जाना तथा सीएमपीओ द्वारा विवाह के अवसरों पर स्थानीय पुलिस और सामुदायिक स्वयं सेवकों के साथ समन्वय में सतर्कता सुनिश्चित करना है।
तृतीय चरण 1 फरवरी से 8 मार्च 2026 में सामुदायिक स्तर पर सहभागिता और स्वामित्व को मजबूत करने के लिये ग्राम सभा की बैठकों और नगरपालिका वार्ड सभाओं में बाल विवाह को एक विशिष्ट एजेंडा के रूप में शामिल किया जाना, बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिये बैठक आयोजित करना, पंचायतों को अपने क्षेत्रों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने वाले प्रस्ताव पारित करने के लिये प्रोत्साहित करना, सूचना एवं संचार सामग्री, दीवार पेंटिंग और पोस्टर प्रमुखता से प्रदर्शित करना, कमजोर परिवारों की कड़ी निगरानी के लिये मैपिंग करना और उन्हें स्कूलों, कॉलेजों, कौशल और व्यावसायिक केन्द्रों आदि जैसे उपयुक्त संस्थानों से जोड़ा जाना व उन्हें सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उठाने के लिये आवश्यक सहायता प्रदान करना, सतर्कता के लिये सीएमपीओ और समुदाय के सदस्यों के बीच नियमित संचार बनाए रखा जाना चाहिए।