गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उदयपुर के कान, नाक एवं गला रोग विभाग (ENT) की विशेषज्ञ टीम ने एक 6 माह के शिशु की भोजन नली में फंसे कड़े के झूमर (Foreign Body) को सफलतापूर्वक निकालकर बच्चे को नया जीवन प्रदान किया। यह अत्यंत जटिल व संवेदनशील सर्जरी थी, जिसमें टीम ने उच्च दक्षता और तत्परता का परिचय दिया।
इस सफल ऑपरेशन में ENT विभाग की डॉ. अनामिका, डॉ. हिमांशु जोशी व टीम, एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. स्वप्निल, तथा PICU के डॉ. रामकेश मीणा का विशेष योगदान रहा। OT स्टाफ मयंक व उनकी टीम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शिशु को सांस लेने में समस्या और दूध न पी पाने पर पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे तुरंत गीतांजली हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।
यहाँ जांच में पता चला कि बच्चे की भोजन नली में धातु का झूमर फंसा हुआ है, जो श्वासनली पर भी दबाव डाल रहा था। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ENT सर्जन डॉ. अनामिका को तत्काल बुलाया गया। बच्चे को डॉ. रामकेश मीणा के निरीक्षण में PICU में भर्ती कर आवश्यक जांचें की गईं। वस्तु की पुष्टि होने पर तुरंत Rigid Esophagoscopy (दूरबीन द्वारा ऑपरेशन) करने का निर्णय लिया गया।
कुछ ही समय में ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हुआ और बच्चे की भोजन नली से कड़े का झूमर सुरक्षित निकाल लिया गया। अब बच्चा पूर्ण रूप से सुरक्षित है और स्वस्थ है।
अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण संदेश
चिकित्सकों ने अपील की है कि छोटे बच्चों को धातु के झुमके, छोटे खिलौने, सिक्के, बैटरी और अन्य छोटी वस्तुओं से दूर रखें। इन्हें निगलने से जीवन के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है।
गीतांजली हॉस्पिटल एक टर्शरी केयर मल्टी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल है यहाँ के कान, नाक एवं गला रोग विभाग में सभी एडवांस तकनीके व संसाधन उपलब्ध हैं जिससे जटिल से जटिल समस्याओं का निवारण निरंतर रूप से किया जा रहा है।
गीतांजली हॉस्पिटल पिछले 18 वर्षों से सतत रूप से हर प्रकार की उत्कृष्ट एवं विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है एवं जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है।