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विशनागर ओदिच्य ब्राह्मण समाज बांसवाड़ा का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न

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09 Apr 24
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विशनागर ओदिच्य ब्राह्मण समाज बांसवाड़ा का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न

बांसवाड़ा । ब्राह्मण की पहचान उसके धार्मिक कर्मकाण्ड और शास्त्रप्रोत ज्ञान से है नई पीढ़ी नवीन तकनीक के सदुपयोग से सनातन वैदिक  संस्कृति धर्म और अध्यात्म ज्योतिष शास्त्र के क्षेत्र में जीविका पार्जन  करें ।

आज की भोक्तिकवादी युग में ब्राह्मण परिवार का भरण पोषण आहार,संचालन कठिन होने से नई पीढ़ी शास्त्र से दूर हो रही है
और नित सन्ध्या कर्म,गायत्री यजन और नियम से होम नियमित करना चाहिए ताकि गुरु शिष्य परम्परा कायम रहे ।

उक्त विचार व्यक्त करते हुए  व्योवृद्ध समाज सेवी प्राच्यविद्या मर्मज्ञ दुर्गा सप्तशती शक्ति उपासक भवानीशंकर दवे ने 
विशनागर ओदिच्य ब्राह्मण समाज बांसवाड़ा की जिला इकाई के एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के पद से व्यक्त किए।

  वनेश्वर महादेव मन्दिर परिसर के मानस भवन के सभागार में चैत्र नवरात्रि महोत्सव की पूर्व संध्या पर शक्ति साधना अनुष्ठान में महादेवी परा आंबा  की विभिन्न वैदिक रिचाओ की सस्वर व्याख्या करते हुवे श्री विद्या साधना में  जगत जननी मां त्रिपुरे सुन्दरी बाला स्वरूपा के अष्ट लक्ष्मी पूजन की पूजा अर्चना पर विषद प्रकाश डाला और चैत्र नवरात्रि पर्व साधना का महापर्व है और कलयुग में पूजा विशेष फलदायी हैं।

इस अवसर पर प्रशिक्षण शिविर के विशिष्ठ आतिथ्य पद से शिव साधना के प्रकाण्ड पण्डित देव शंकर जोशी ने दिवसकालीन साधना के साथ ही रात्रिकालीन उपासना की विभिन्न विधाओं पर त्वरित प्रकाश डालते हुए दश महाविद्या साधना एवं अनुष्ठानों के साथ ही इनसे संबंधित तथा दुर्गा सप्तशती एवं शक्ति उपासना से संबंधित स्तुतियों, ध्यानम, स्तोत्र पाठ, मंत्र जप एवं साधना पद्धतियों के बारे में व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया और वैदिक ज्योतिष  की महत्ता बताई।
इस अवसर पर पण्डित महेश व्यास,पण्डित ललित मेहता, ध्रुव कुमार व्यास, ओम प्रकाश व्यास,अनिल व्यास, पलकेश त्रिवेदी,कृष्णकांत त्रिवेदी,सुशील दवे,मनोज दवे, पण्डित हेमन्त त्रिवेदी, संतोष कुमार दवे,पण्डित नवीन दवे, ने संबोधित किया।

इस अवसर पर दश महाविद्या साधना एवं अनुष्ठानों के साथ ही इनसे संबंधित तथा दुर्गा सप्तशती एवं शक्ति उपासना से संबंधित स्तुतियों, ध्यानम, स्तोत्र पाठ, मंत्र जप एवं साधना पद्धतियों के बारे में व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया और पंचदेव उपासना के साथ ही विशेष रूप से भैरव, बगलामुखी एवं श्रीविद्या साधना 
के गुड़ रहस्यों पर प्रकाश डाला।
भगवद् मार्ग के आकांक्षी साधकों एवं साधिकाओं की उत्साही प्रश्नों के उत्तर दिए।

प्रशिक्षण शिविर को  अरुण व्यास,शरद व्यास, ओम प्रकाश व्यास ,प्रदीप मेहता,अनिल व्यास,रवि दवे,लोकेश दवे ,प्रदीप दवे,राजेंद्र कुमार शर्मा,विजय जोशी,जगदीश चंद्र त्रिवेदी, ओम प्रकाश जोशी,शैलेंद्र जोशी,संदीप दवे,हर्ष दवे,मनीष दवे, रितेश दवे,लक्की दवे,सहित  दो दर्जन वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर 21 विभिन्न प्रस्ताव पर आम सहमति से पारित किए गए जिसमे समाज का नाम विशनागर ओदिच्य ब्राह्मण समाज बांसवाड़ा रखने,बैंक में खाता खुलवाने, सहित समाज के प्रशिक्षण शिविर हेतु निशुल्क नोहरे की भूमि आवंटन सहित आगामी प्रशिक्षण कार्यक्रम में सनातन संस्कृति, हिन्दू धर्म की एकता हेतु विप्र इकाई को हर संभव मदद करने,नव वर्ष उत्सव में भागेदारी निर्वाह करने, समाज के हिसाब किताब में शुचिता परिशुद्धता पूर्ण बहुमत से कार्य करने पर सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किए गए।

समारोह का संचालन  पण्डित महेश व्यास  ने और आभार प्रदर्शन  पलकेश त्रिवेदी ने ज्ञापित किया ।


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