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इस्कॉन के बांसवाड़ा केन्द्र द्वारा निचला घंटाला गांव में धूमधाम से मना गोवर्धन पूजन और अन्नकूट महोत्सव पर्व

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23 Oct 25
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इस्कॉन के बांसवाड़ा केन्द्र द्वारा निचला घंटाला गांव में धूमधाम से मना गोवर्धन पूजन और अन्नकूट महोत्सव पर्व

*गोवर्धन भक्ति महोत्सव में उमड़े श्रृद्धालुओं ने किया भावपूर्ण संकीर्तन*

*आचार्य अभय गौरांग दास प्रभु,अभिनंदन निमाई प्रभु ने दिया प्रवचन,*

*कहा - राधा के बिना श्याम आधा, कृष्ण में समाहित गोपी भाव ही है राधा*

बांसवाड़ा : गोवर्धन पूजन और अन्नकूट महोत्सव सुभाष नगर प्रोफेसर कॉलोनी स्थित इस्कॉन केन्द्र के तत्वाधान में निकटवर्ती निचला घंटाला गांव में आचार्य अभय गौरांग दास प्रभु और विश्व आत्मा दास के नेतृत्व में धूमधाम से मनाया गया। 

 

इस दौरान् मनोहारी श्रृंगार, राधा कृष्ण नाम संकीर्तन सहित विभिन्न आयोजनों में ग्रामीणों ने बड़ी सख्या में श्रृद्धालुओं के साथ हिस्सा लिया। 

 

इस अवसर पर आचार्य अभय गौरांग दास प्रभु और अभिनंदन निमाई प्रभु ने भक्तों को संबोधित करते हुए गोवर्धन पूजन, अन्नकूट महोत्सव,राधा कृष्ण महिमा का बखान किया और कहा कि संकट में घबराना नहीं चाहिए और पूरी शक्ति से समस्या का निदान करना चाहिए क्योंकि परब्रह्म भगवान श्रीकृष्ण की चेतना शक्ति और आह्लादिनी शक्ति का नाम ही श्री राधा है। मूल में राधा-कृष्ण एक ही अभिनन्न रूप हैं।

 

 इस अवसर पर साधिका श्रीमति रचना व्यास ने बताया कि समारोह में विश्व आत्मा दास प्रभु और चन्द्र कांता वैष्णव ने बरसाना, नंदगांव, गोप, गोपियों एवं ग्वालों तथा ब्रज से संबंधित प्रसंगों को सुनाकर भक्तों को श्री राधा जी एवं कान्हा की लीलाओं के बारे में अवगत कराया। 

 

*अभिषेकार्चन व आरती विधान*

 

इस अवसर पर विश्व आत्मा दास प्रभु, सुरेश, सुनील, मानव सहित साधिका श्रीमति रचना व्यास ने अभिषेकार्चन मंत्रों के साथ ब्रजेश्वरी श्रीराधा रानी जू के पावन प्राकट्य महोत्सव पर अबीर, गुलाल, इत्र, चन्दन आदि सुगन्धित द्रव्यों से विशेष अभिषेक अनुष्ठान व तुलसी नृसिंह आरती विधान पूर्ण किया।

 

*संकीर्तन की धूम रही*

 

इस अवसर पर बैल गाड़ी में भगवान् योगेश्वर श्री कृष्ण की भक्ति युक्त होकर निचला घंटाला के विभिन्न मोहल्लों में संकीर्तन भजन करते हुए यात्रा निकाली गई और भक्ति नृत्य, भजन और विविध धार्मिक अनुष्ठानों में रतन, सुरेश नैमिष, अक्षी,शाबुनी, दीपिका, विभा,अर्चना, अनिता, भारती, चैतन्य,निखिल, अजय, रौनक कुशल,डिम्पल, सुनील,किशोर पंड्या, निमेष, शाबुनी मंडल, दीपिका, विभा, अर्चना, रचना व्यास, अनिता, भारती, चैतन्य, नीरज पाठक, हिमानी पाठक, कृपाली भट्ट, मानस पंड्या, अरुण व्यास,निमेष सहित काफी संख्या में साधक-साधिकाओं व आमंत्रित श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

 

*पारम्परिक अनुष्ठान और श्रृंगार, विधान*

 

इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान अभिनंदन निमाई प्रभु की अगुवाई में विश्व आत्मा दास प्रभु द्वारा शंख, झालर, घंटानाद आदि वाद्ययंत्रों माधुर्य भरी गूंज द्वारा आरती दिखा कर प्रभु श्री गोवर्धन धरण प्रभु के मुखारविंद पर ऊबटन चंदन से कपोल पत्र मांड़े गए। 

 

इसके अलावा गुलाल, अबीर, चंदन श्री कंठ में कली, कस्तूरी की माला पहनाई गई। पीले एवं श्वेत पुष्पों की विविध रंगों की थागे वाली दो सुन्दर मालाएं पहनाई गई, कुंकुम-अक्षत से तिलक उपरान्त आरती विधान पूर्ण किया। शंख, झालर, घंटानाद के द्वारा स्वामिनी राधा जी के आगमन का चरम भक्तिभाव भरी अभिव्यक्ति से स्वागत किया गया।

 

*प्रकृति पूजन ही ईश्वर आराधना है*

 

इस अवसर पर गोवंश को विभिन्न दिव्य सुगन्धित द्रव्यों आभूषणों से सज़ा कर पूजा विधि विधान अभिषेक आरती की गई ओर कुंकुम -अक्षत चन्दन सहित विभिन्न सुगन्धित द्रव्यों आभूषणों से श्रृंगारित श्री कृष्ण भक्ति साधना युक्त होकर इस्कॉन भक्तों ने बैलगाड़ी में गौर निताई के साथ पदयात्रा और हरिनाम संकीर्तन किया। नगर गांव भ्रमण कराया गया और भागवत गीता वितरण किया गया।इस अवसर पर उत्कृष्ठ साधक साधिकाओं श्रद्धालुओं को पुरस्कार दिए गए।

 

*उत्सवी भोग का दिव्य प्रसाद*

 

अन्नकूट महोत्सव के अन्तर्गत स्वादिष्ट उत्सव भोग प्रस्तुत किए गए। 

 

इनमें विशेष रूप से 31 kg के विशाल बेसन लडडू,पंजरी के लड्डू, छुट्टी बूंदी, खस्ता, शक्कर पारा, दूध, घर में सिद्ध मावे के पेड़े-बरफी, दूध पूड़ी, मलाई-पूड़ी, सफ़ेद-केसरी मावा की गुंजिया, केशर युक्त वासुन्दी, जीरा युक्त दही, रवा की खीर, घी में तले बीज-चालनी के सूखे मेवे, अन्न सुखड़ी में दाख, किशमिश का रायता और सुखड़ी में पांच भात, मेवा-भात, दही-भात, राई-भात, श्रीखंड-भात और वड़ी-भात और विविध प्रकार के संदाना का भोग लगाया गया ।

 

*पंजरी के लड्डू , घी में तला सूखा मेवा का भोग*

 

श्री कृष्ण एवम् श्री जी को श्री नवनीत प्रियाजी, द्वितीय गृहाधीश्वर प्रभु श्री विट्ठल नाथजी एवं तृतीय गृहाधीश्वर प्रभु श्री द्वारकाधीश जी के घर से आए पंजरी के लड्डू, घी में तला हुआ बीज-चालनी का सूखा मेवा का भोग लगाया गया।

 

इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद ने गांव-गांव में प्रचार करने पर जोर दिया है, इसलिए इस्कॉन गांवों में प्रचार कर रहा है और गांवों में सनातन संस्कृति का प्रचार कर रहा है।

 

*ढाढ़ी-ढाढन नाच-गा कर दी गई बधाई*

 

भोग-आरती के दर्शन में गोवर्धन महोत्सव पर ढाढ़ी-ढाढन नाच-गा कर बधाई दी गई और सभागार में कीर्तन में नृत्य कर ढाढ़ी लीला के पद गाए गए ।

 

*आकर्षक श्रृंगार ने किया मंत्र मुग्ध*

 

गोवर्धन अन्नकूट भक्ति महोत्सव के पावन अवसर पर श्रीजी को सुन्दर श्रृंगार केसरी जामदानी के वस्त्र एवं श्री मस्तक पर पांच मोरपंख की चन्द्रिका की जोड़

प्राणनाथ निताई ,उत्सव, अजय रौनक,शुभम,जतिन,हेमेंद्र, निमेष शाबुनी मंडल,राधा लीला, कांता,खुशी,मिनल, कल्पना,लेखनी, ईशा, शोभा, रतन, दीपा, दीपिका, विभा अर्चना अनिता भारती चैतन्य नीरज पाठक ने भाव भक्ति से 

 पहनाई गई। 

 

प्रभु के मुखारविंद पर ऊबटन चंदन से कपोल पत्र मांड़े गए

 

 गुलाल,अबीर,चंदन श्री कंठ में कली, कस्तूरी की माला पहनाई गई। पीले एवं श्वेत पुष्पों की विविध रंगों की थागे वाली दो सुन्दर माला से श्रृंगार किया गया।

 

श्रीजी में आज लाल दरियाई की बड़े लप्पा की सुनहरी ज़री की तुईलैस के हांशिया किनारे वाली पिछवाई गादी बिछाई गई और तकिया के ऊपर लाल मखमल बिछावट कर चरण चौकी के ऊपर सफेद मखमल की प्रस्तुत की गई।

 

श्रीजी को आज केसरी रंग की जामदानी की रुप हली रुप हली फूल वाली किनारी से सुसज्जित चाक दार एवं चोली पहना कर कोमल रेशम की लाल रंग की सुनहरी छापे वाली ओढ़नी वस्त्र मेघश्याम रंग की पहनाई गई।

 

 इस्कॉन भक्तों ने गांव के सभी लोगों को प्रसाद स्वरूप सूजी शिरा वितरित किया।


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