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डूंगरपुर एक साथ 100 मॉडल तालाबों का चयन

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28 May 25
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डूंगरपुर एक साथ 100 मॉडल तालाबों का चयन

*स्वच्छ भारत मिशन के प्रदेश समन्वयक के.के. गुप्ता की पहल पर जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह  शुरू कराई जल क्रान्ति की अनूठी मुहिम*

 

डूंगरपुर/ नई दिल्ली । दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले ने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के ‘जल है तो कल है’ के मूल मन्त्र को अँगीकार करते हुए जिले के 100 मॉडल तालाबों का चयन कर उन्हें गहरा कराने एवं साफ सफाई तथा सौन्दर्यकरण का कार्य हाथ में लिया है।ऐसा करने वाला राजस्थान का यह पहला जिला है ।

स्वच्छ भारत मिशन एसबीएम के प्रदेश समन्वयक के.के. गुप्ता की पहल पर स्वच्छ भारत मिशन के प्रदेश समन्वयक के.के. गुप्ता की पहल पर जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह द्वारा शुरू कराई जल क्रान्ति की इस अनूठी मुहिम के अन्तर्गत जिले की दस पंचायत समितियों  के प्रत्येक ब्लॉक में दस-दस तालाबों का चयन कर उन्हें गहरा कराने का काम शुरू कर दिया गया है। जिले के 100 तालाबों की गहराई बढ़ने से मानसून की वर्षा  में इनमें अधिक पानी का संचय हो सकेगा तथा डूंगरपुर जिले में शुरू किया गया जलक्रांति का यह शंखनाद पूरे प्रदेश के लिए एक आदर्श मॉडल बनेगा ।

जल संचय की इस अनूठी मुहिम को धरातल पर लाने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हनुमान सिंह राठौड़ ने जिले के ग्राम पंचायत क्षेत्रों में पडऩे वालों तालाबों  की साफ़ सफाई और उनमें जमी मिट्टी को बाहर निकाल कर उन्हें  गहरा करने के लिए मनरेगा के श्रमिकों को लगाया गया है और कार्य की निगरानी के लिए  प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त किए गए है।इस साल मानसून की मेहर रही तो डूंगरपुर जिले की यह मेहनत ऐसा रंग लाएगी कि देश विदेश में यह एक बेजोड़ उदाहरण बन जाएगी । 

राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप एक बार फिर डूंगरपुर जिले में जल संचय का बीडा उठाया गया है।जिले के दस ब्लाक में चयनित सौ तालाबों की जलभराव क्षमता बढ़ाने जलआवक मार्गो से अवरोध हटाएं जा रहे है, तालाब की डिसल्टिंग की जा रही है। झांडियो की कटाई, पालों की मरम्मत और सौंदर्यकरण के कार्य किए जा रहे है। 

*के.के. गुप्ता ने दोवड़ा ब्लाक में किया मॉडल तालाब में हों रहें कार्यों का निरीक्षण*

एसबीएम के प्रदेश समन्वयक के.के. गुप्ता ने सोमवार को  डूंगरपुर जिले के दोवड़ा ब्लाक में चयनित दोवड़ा, फलौज एवं पगारा पंचायत के मॉडल तालाब का निरीक्षण किया और इनमें चल रहे कार्यो और तालाबों की बदलती तस्वीर पर संतोष जताया। गुप्ता ने अधिकारियों और कार्मिकों का हौंसला बढ़ाते  हुए कहा कि जल संचय के लिए बहाया जा रहा यह पसीना व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने वेलडन कहकर सभी की सराहना की और उन्होंने प्रशासन की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि जिला कलक्टर एवं सीईओ के कुशल मार्गदर्शन में सभी दस ब्लॉकस में अधिकारी एवं कर्मचारी तथा मनरेगा श्रमिक पूरी निष्ठा के साथ जल संचय के लिए अच्छा कार्य कर रहे है। प्रशासन द्वारा 100 तालाबों के जीर्णोद्धार का यह निर्णय अकल्पनीय और प्रशंसनीय है। ये सौ मॉडल तालाब मानसून पूर्व जल भंडारण के लिए तैयार किए जा रहे है। अच्छी बारिश हुई तो यह तालाब लबालब होकर भूमिगत जल का स्तर बढ़ाने वाले सिद्ध होंगे। साथ ही जल स्त्रोत रिचार्ज होने से निरन्तर गिरते जा रहे सतही वाटरलेवल को भी संबल मिलेगा। 

गुप्ता ने जन साधारण से अपील की है कि वे जिले के तालाबों की गहराई बढ़ाने और उनका सौंदर्यकरण करने की इस पवित्र मुहिम में एक दिन का श्रमदान कर अपना योगदान प्रदान करे और अपनी क्षमता अनुरूप तालाब की डिसल्टिंग (मिट्टी निकालने) कार्य में हाथ बढ़ाएं। साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के जल संचय अभियान को अपना अभियान बना कर सफल बनाएं। मानसून के दौरान यह तालाब जल संचय का संगीत सुनाएंगे और जनजीवन और पशुओं के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। गुप्ता द्वारा किए निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त विकास अधिकारी गिरीश कलाल, सहायक अभियंता पुनमचंद मेघवाल, दयाशंकर परमार, जेटीए कीर्ति वैष्णव, ग्राम विकास अधिकारी प्रेमशंकर परमार सहित मेट एवं ग्रामीण मौजूद थे ।

उल्लेखनीय है कि डूंगरपुर जिला परंपरागत पेयजल स्त्रोत, नदी, नालों और तालाबों से संपन्न जिला है। तालाबों का चयन कर जल संचय के लिए किए जा रहे अपूर्व प्रयास निश्चित ही आशातीत परिणाम देंगे। 

डूंगरपुर जिले में पहली बार एक साथ सौ तालाबों पर फोकस की कार्ययोजना को हाथ में लिया गया है। इससे पूर्व के.के. गुप्ता ने नगर परिषद सभापति पद पर रहते डूंगरपुर शहर की प्राचीन बावडियों और परंपरागत पेयजल स्त्रोतों को एमजेएसए के तहत पुर्नजीवित कर लाखों लीटर पेयजल प्रतिदिन शहरवासियों के लिए उपलब्ध कराया था।

ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के  वर्तमान दौर में समूचा विश्व पानी के गंभीर संकट की चुनौती को झेल रहा है। कई देशों को पानी खरीदना पड़ रहा है। भारत में भी विशेष कर पानी की कमी वाले रेगिस्तान प्रधान राजस्थान में रेलवे टैंक और टैंकर वाहनों के ज़रिए पानी के परिवहन की तस्वीरें सबने देखी है। ऐसे में के.के. गुप्ता की इस अभिनव पहलके फलस्वरूप डूंगरपुर जिले के तालाबों की कायाकल्प करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने की मंशा, जिला प्रशासन की मुहिम एक अनुकरणीय रंग लाने को आतुर है। इस मुहिम से डूंगरपुर जिले के दस ब्लाक में चयनित तालाबों के वर्तमान हालात में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। तालाबों की साफ़ सफाई के हकीकत में अमलीजामा पहनने से इस मानसून में इनकी नई तस्वीर दिखेगी ।साथ ही  जल संरक्षण के क्षेत्र में डूंगरपुर जिला, देश-प्रदेश के समक्ष एक अनुकरणीय नजीर पेश कर एक नया  कीर्तिमान रचेगा।

 


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