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संसद में उदयपुर: वाहन चालकों की सुविधा के लिए सरकार फास्टैग के साथ ला रही है इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण (ईटीसी) प्रणाली

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01 Aug 25
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संसद में उदयपुर: वाहन चालकों की सुविधा के लिए सरकार फास्टैग के साथ ला रही है इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण (ईटीसी) प्रणाली

-ईटीसी में बिना रुके, गति धीमी किए या दिए गए लेन में रुके बिना टोल शुल्क लिया जाएगा
-अभी प्रायोगिक तौर पर, फिर परिणाम और प्रभाव के आधार पर चरणबद्ध तरीके से अन्य शुल्क प्लाजा पर लागू होगा
उदयपुर। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों के चुनिंदा खंडों पर उपलब्ध तकनीक के साथ निर्बाध इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण (ईटीसी) प्रणाली को फास्टैग के साथ एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में लागू करने का निर्णय लिया है, जहां वाहन चालकों से बिना रुके, गति धीमी किए या दिए गए शुल्क प्लाजा लेन में रुके बिना टोल शुल्क लिया जाएगा।
सरकार ने टोल संचालन की दक्षता बढ़ाने और वास्तविक शुल्क (टोल) प्लाजा के बिना राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की निर्बाध और मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया है। सांसद डॉ मन्नालाल रावत व सदस्यों की ओर से लोकसभा में पूछे गए प्रश्न पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी।
सांसद ने केंद्रीय मंत्री से जानकारी मांगी थी कि क्या सरकार ने पूरे देश में एक नई उपग्रह आधारित टोल प्रणाली शुरू की है और यदि हां तो इसकी विशेषताओं, वर्तमान स्थिति और इसके कार्यान्वयन की समय-सीमा का ब्यौरा क्या है तथा इसके कार्यान्वयन के दौरान क्या चुनौतियां आई। यह भी पूछा था कि क्या भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने भी देश भर के चुनिंदा टोल बूथों पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर)-फास्टेग आधारित बाधा-रहित टोल प्रणाली शुरू की है।
केंद्रीय मंत्री नितिन जयराम गड़करी ने बताया कि उद्‌योग एवं शिक्षा जगत के विशेषज्ञ वाली शीर्ष समिति और उच्च-स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति ने सुरक्षा एवं गोपनीयता संबंधी चिंताओं तथा समय परिचालन नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौवहन उपग्रह समूह पर आधारित शुल्क संग्रह प्रणाली के लिए आगे विचार-विमर्श की सिफारिश की है। परिणामस्वरूप, सेटेलाइट आधारित शुल्क संग्रहण प्रणाली वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्गों पर कहीं भी चालू नहीं है।
सरकार ने एएनपीआर फास्टेग प्रणाली (एएफएस) आधारित बैरियर लेस फ्री फ्लो टोलिग के कार्यान्वयन के लिए कॉरिडॉर खंड आधारित परियोजनाओं के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया है।
टोल संचालन की दक्षता बढ़ाने के लिए और वास्तविक शुल्क (टोल) प्लाजा के बिना राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की निर्बाध और मुक्त प्रवाह आवाजाही सुनिश्चित करने सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों के चुनिंदा खंडों पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण (ईटीसी) प्रणाली को फास्टेग के साथ एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में लागू करने का निर्णय लिया है। इसमें वाहन उपयोग करने वालों से बिना रुके, गति धीमी किए या दिए गए शुल्क प्लाजा लेन में रुके बिना शुल्क लिया जाएगा।
अनुबंध के अनुसार शुल्क प्लाजा के लिए निर्बाध टोल प्रणाली को लागू करने के लिए प्रस्ताव हेतु अनुरोध को अंतिम रूप दिया गया है। इन परियोजनाओं को लागू करने के बाद आने वाले परिणाम और प्रभाव के आधार पर चरणबद्ध तरीके से अन्य शुल्क प्लाजा पर इसे लागू करने की संभावना है।
निर्बाध शुल्क संग्रहण प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए खंडों का चयन भौगोलिक स्थिति, यातायात की मात्रा, लेन संरेखण, भीडभाड आदि सहित कई कारकों के संयोजन पर आधार पर किया गया।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि निर्बाध शुल्क संग्रहण प्रणाली के अंतर्गत उल्लंघन करने पर या गैर-फास्टेग मामलों को राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियमों के प्रावधानों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक नोटिस (ई नोटिस) के माध्यम से समाधान करने का प्रस्ताव है।
राजस्थान में निर्बाध टोलिंग कार्यान्वयन के लिए दिल्ली-जयपुर एनएच 48 पर मनोहरपुरा, शहजहांपुर व दौलतपुरा टोल प्लाजा के लिए बोलियां आमंत्रित की गई है।


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