केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार की प्राथमिकता जातीय संघर्ष प्रभावित मणिपुर में शांति स्थापित करना है। शाह ने इस पूर्वाेत्तर राज्य के बंटवारे से भी इनकार किया। शाह ने इम्फाल में एक जनसभा में कहा कि यह लोकसभा चुनाव मणिपुर को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों और इसे एकजुट रखने वालों के बीच है। उन्होंने कहा, चाहे कोईं कितनी भी कोशिश कर ले, हम किसी को मणिपुर को विभाजित नहीं करने देंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता शाह ने दावा किया कि पूर्वाेत्तर राज्य की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए घुसपैठ के प्रयास किए गए। शाह ने कहा, सभी समुदायों को साथ लेकर और राज्य को तोड़े बिना मणिपुर में शांति स्थापित करना नरेन्द्र मोदी सरकार की प्राथमिकता है। पिछले साल तीन मईं को मणिपुर में जातीय झड़प शुरू होने के बाद कम से कम 219 लोग मारे गए थे, जब मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि देश का भाग्य तब बदलेगा, जब पूर्वाेत्तर और मणिपुर का भाग्य बदलेगा।