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राजस्थान में दस दिसम्बर को होने वाले प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन की तैयारिया जोरो पर 

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05 Dec 25
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राजस्थान में दस दिसम्बर को होने वाले प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन की तैयारिया जोरो पर 

राजस्थान की भजन लाल सरकार 10 दिसंबर 2025 को जयपुर में आयोजित होने वाले प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन को लेकर अत्यंत गंभीर और सक्रिय है। मुख्यमंत्री भजनलाल इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए विशेष रुचि ले रहे है और इसकी तैयारियों के लिए कई समीक्षा बैठके भी ले चुके है। यह सम्मेलन न केवल दुनिया भर में बसे राजस्थानी समाज को अपनी मातृभूमि से जोड़ने का प्रयास है, बल्कि राज्य के विकास, निवेश, संस्कृति और पर्यटन को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की एक ऐतिहासिक पहल भी है। सम्मेलन की तैयारियाँ विभिन्न स्तरों पर तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं और सरकार इसे सफल बनाने के लिए बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है।

 

प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य दुनिया के विभिन्न देशों और भारत के अनेक राज्यों में रहने वाले राजस्थानी मूल के लोगों को एक मंच पर लाना है। इसके ज़रिए वे न केवल अपनी जड़ों से पुनः जुड़ेंगे बल्कि, राज्य के विकास में साझेदारी के अवसर भी तलाश पाएँगे। उद्योग,स्टार्टअप,पर्यटन,खनन,ऊर्जा,कृषि,शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में नए सहयोग के द्वार खोलने को लेकर सरकार विशेष रूप से उत्साहित है। सम्मेलन का मुख्य आयोजन जयपुर कन्वेंशन और एग्जीबिशन सेंटर सीतापुरा के भव्य सभागार में होने की तैयारी जोरों पर चल रही है।

सम्मेलन को तीन मुख्य खंडों में विभाजित किया जा रहा है पहला ग्लोबल बिजनेस सेशन, दूसरा कल्चरल कॉनक्लेव और तीसरा यूथ एंड स्टार्टअप मीट अप। राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर के हॉस्पिटैलिटी स्टैंडर्ड के अनुरूप स्थल को अपडेट करवा रही है।दुनिया के 40 से अधिक देशों से आने वाले मेहमानों के लिए जयपुर एयरपोर्ट से गंतव्य होटल तक विशेष प्रोटोकॉल रूट निर्धारित किया गया है। प्रवासियों के आवास के लिए 15 से अधिक प्रीमियम होटलों को बुक किया गया है।विदेशी प्रतिनिधियों के लिए “वन-स्टॉप हेल्प डेस्क” और अनुवादकों की टीम भी तैनात की जाएगी ताकि उन्हें कोई असुविधा नहीं होवे। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमों  ने सुरक्षा प्लान भी तैयार किया है। शहर में प्रमुख मार्गों पर यातायात नियंत्रण की विशेष योजना बनाई गई है। सम्मेलन स्थल पर फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम, सीसीटीवी निगरानी और शांति व्यवस्था हेतु विशेष दस्ते तैनात होंगे। राजस्थान के उद्योग विभाग ने 25 से अधिक सेक्टरों की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है ताकि प्रवासी राजस्थानी निवेशकों को स्पष्ट रोडमैप दिया जा सके।सम्मेलन के दौरान एमएसएमई, स्टार्टअप,आईटी,फिल्म सिटी, सोलर एनर्जी, खनन,टेक्सटाइल एवं टूरिज्म सेक्टर के लिए विशेष सत्र आयोजित होंगे।

 

“इंवेस्ट राजस्थान – प्रवासी पार्टनरशिप पॉलिसी” के दस्तावेज़ का ड्राफ्ट राज्य  केबिनेट ने मंजूर कर लिया है। राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सम्मेलन का प्रमुख आकर्षण होगी। इस मौके पर मांड गायन, कालबेलिया, गेर नृत्य, कच्छी घोड़ी, पधारो म्हारे देस स्वागत गीत, रंगोली और लोक वाद्य की प्रस्तुति भी होगी।

सांस्कृतिक संध्या में राज्य के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा प्रदर्शन की जोरदार तैयारी की जा रही है। इसके अलावा हैंडीक्राफ्ट एवं हस्तशिल्प की प्रदर्शनियां,लघु भोजन महोत्सव और ‘राजस्थानी पर्यटन कॉरिडोर’ की झांकी आदि भी प्रस्तुत होंगे। सोशल मीडिया पर ग्लोबल राजस्थानी मीट नाम से अभियान शुरू किया गया है। प्रवासी राजस्थानी समाज की अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं—अमेरिका, यूके, दुबई, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया को निमंत्रण भेजे गए हैं। राजस्थान पर्यटन, उद्योग विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग एक संयुक्त प्रचार सेल चला रहे हैं। सम्मेलन में भाग लेने वाले डेलीगेट्स को दिसंबर एवं जनवरी में विश्व की सुप्रसिद्ध प्रतिष्ठित शाही रेल पैलेस ऑन व्हील्स के टूर में 25 प्रतिशत डिस्काउंट देने की घोषणा भी अपने आपमें अहम है।

 

“यंग राजस्थानी लीडर्स कॉन्क्लेव” में स्टार्टअप्स को पिचिंग का अवसर मिलेगा। आईटी और डिजिटल इनोवेशन पर आधारित वर्कशॉप भी युवाओं को आकर्षित करेंगी। विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके राजस्थानी युवाओं के अनुभव साझा करने के सत्र भी होंगे। इस सम्मेलन से अनुमानित 40, 000 रु करोड़ तक के निवेश प्रस्ताव मिलने की उम्मीद है । विशेष कर पर्यटन के क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी और हेरिटेज होटल, डेजर्ट सर्किट, टाइगर सर्किट जैसे प्रोजेक्टों को बढ़ावा मिलेगा।

 

इस सम्मेलन से प्रवासी समुदाय के साथ प्रदेश का भावनात्मक जुड़ाव बढ़ेगा, जिससे दीर्घकालीन सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सुनिश्चित होगा।जयपुर में होने वाला प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन 2025 सिर्फ एक आयोजन नहीं,बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान,आर्थिक क्षमता और वैश्विक संबंधों को नए स्तर पर ले जाने का अवसर है। राजस्थान सरकार और राज्य प्रशासन इसकी तैयारियों में पूरी गंभीरता के साथ जुटे हुए हैं ताकि यह सम्मेलन राजस्थान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सके।

 


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