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मरघट बना पनघट’, ‘मां मुझे मत छोड़ो’ नाटिकाओं का मंचन

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06 Nov 23
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मरघट बना पनघट’, ‘मां मुझे मत छोड़ो’ नाटिकाओं का मंचन

पेसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, उमरडा, में आज  जल मित्र डॉ पी सी जैन द्वारा रचित दो नाटकों का मंचन जो कॉलेज के छात्र छात्राओ ने किया से जल संरक्षण एवं नशा मुक्ति का संदेश दिया गया। 

पहले नाटक मरघट बना पनघट में यह दर्शाया गया कि आजकल नल आने के बाद पनघट सुने सुने हो गए हैं वहां कोई नहीं जाता और वह कुएं या बावड़ी अब कूड़ेदान बन चुके हैं। पर जब इस बस्ती में कुछ दिन तक नल नहीं आता है तो फिर सभी को वह पनघट याद आता है और वह कुएं की सफाई कर उसे पुन चालू करते हैं और जो मरघट बना हुआ था उसकी रौनक पुन लौट आती है। 

मुंबई में अभी हाल में 180 पुराने कुओं की खोज की जा रही है और उनको पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है इसलिए हमें भी हमारे पुराने पन घट को नहीं भूलना चाहिए और कुआं को कूड़ेदान नहीं बनना चाहिए। उन्हें सतत काम में लेते रहना चाहिए। 

दूसरी "मां मुझे मत छोड़ो "नाटिका में रेव पार्टी में ड्रग्स के नशे में धुत्त एक लड़का अपनी मां की मोबाइल कॉल को बार-बार नहीं सुनता है और तभी उसका मित्र मां की मृत देह लेकर रेव पार्टी में आ जाता है जिसे देखकर बेटा चीख पड़ता है और कहता है मां मुझे छोड़ कर मत जाओ मैं अब सब यह नशा छोड़ दूंगा। 

यह नाटिकाये बेच 2021 के  के छात्र-छात्राओं ने नव आगंतुक बीच 2023 के लिए उनको संदेश देना हेतु मंचित किये। 

कार्यक्रम का आयोजन डॉक्टर दिलीप कंमुनिटी मेडिसिन ने किया। 

धन्यवाद डॉक्टर पीसी जैन का प्रिंसिपल डॉक्टर सुरेश गोयल द्वारा ज्ञापित किया गया। श्रीमती चंद्रा माथुर अधीक्षक भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित थी । श्रेय ओझा, आरीश खान,, याशिका चंदेल, ईशा गौतमी, आदित्य डांगर ,सोनाली कुक्रेजा, रिया तिवारी, रचित केला, अनेरी पटेल ने नाटिका में भाग लिया।


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