उदयपुर । दाउदी बोहरा समुदाय ने आज इस्लाम के पैगम्बर हज़रत मुहम्मद साहब (स.अ.व.) के नवासे, हज़रत अली (अ.स.) और सैय्यदा फातिमा (अ.स.) के बेटे इमाम हुसैन (अ. स.) और उनके 72 साथियो की शहादत की याद में यौम ए आशूरा मनाया। इमाम हुसैन की शहादत की याद में हर वर्ष निकलने वाला अज़ादारी मातमी जुलुस दोपहर 2 बजे बोहरवाड़ी स्थित मोहियदपुरा मस्जिद से वजीहपुरा मस्जिद तक निकाला गया।
दाऊदी बोहरा जमात के सचिव जनाब फ़िरोज़ हुसैन ने बताया की जुलुस में अब्बास अलमबरदार के अलम निकाले गए। जुलुस में नौहख्वान मातमी नौहा पढ़ते हुए चल रहे थे। जुलुस में समाज की महिलाऐं ग़म का इज़हार करते हुए आँखों को नम किये खड़ी हुई थी। वहीँ युवाओं के साथ साथ छोटे छोटे मासूम बच्चे भी या हुसैन और 72 शोहदाओ के नाम पर मातम कर रह रहे थे।
दाऊदी बोहरा जमात के अध्यक्ष जनाब इक़बाल हुसैन रस्सा वाला ने बताया कि 4 जुलाई और 5 जुलाई की दरमियानी रात को मस्जिद वजीहपुरा में इमाम हुसैन (अ.स.) की मजलिस मुनक्किद की गई जिसमें मुदस्सर अली ज़री वाला ने तकरीर पेश की। ज़ाकिराने हुसैन ने मातमी नोहे पेश कर कर्बला के हादसे को बयान किया।
जुलुस के फ़ौरन बाद वजीहपुरा मस्जिद में इमाम हुसैन और उनके 72 साथियो की शहादत का मकतल वजीहपुरा मस्जिद में जनाब अली असगर खिलौना वाला ने पढ़ी।
देर रात को समाप्त हुई शाम ए गरीबां की मजलिस
मजलिस कमेटी के कन्वीनर फ़िरोज़ नाथ ने जानकारी देते हुए बताया की आशूरा का दिन पूरा होने के बाद शाम-ए- गरीबां की मजलिस का आयोजन वजीहपुरा मस्जिद में किया गया, जिसमे मस्जिद में बत्ती गुल कर अँधेरे में 1400 साल पहले कर्बला में हुई इमाम हुसैन (अ.स.) के परिवार की औरतों और बच्चों पर हुए ज़ुल्म का बयान जनाब मुद्दस्सर अली ज़री वाला द्वारा शाम ए गरीबां का मंज़र पेश किया। जनाब असरार अली जावरिया वाला ने कर्बला के मंज़र पर नोहा व सलाम ए आखिर पढ़ा। इसी के साथ बोहरा समुदाय के मोहर्रम के 10 दिनों तक चले प्रोग्राम का समापन हुआ।