GMCH STORIES

घर घर में विज्ञान और घर घर में नवाचार कार्यकम की शुरुआत

( Read 1197 Times)

20 Dec 25
Share |
Print This Page

घर घर में विज्ञान और घर घर में नवाचार कार्यकम की शुरुआत


उदयपुर : बच्चे अपने आसपास जो भी कुछ देखते हैं उसका उपयोग करके वैज्ञानिक सोच विकसित करने और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से डॉ. दौलतसिंह कोठारी शोध और शिक्षण संस्थान उदयपुर और विज्ञान समिति द्वारा विकसित  “घर-घर  में विज्ञान और घर-घर में नवाचार कार्यक्रम” का आयोजन गोगुंदा के दूर दराज गांव भारोड़ी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में गणित एवं विज्ञान के शिक्षकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण  में किया गया और शिक्षकों को बच्चों में  विज्ञान को रुचि पूर्ण बनाने को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी ।
इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों और अध्यापकों को प्रशिक्षण देकर कुछ सरल वैज्ञानिक गतिविधियों की पहचान करने का प्रयास किया गया जिससे बच्चे अपने घरों में मौजूद वस्तुओं जैसे कि खाना खाने  की थाली, पानी की गिलास, प्रेशर कुकर, चाक़ू, कैंची, डिब्बा, काला तवा, नमक का पानी में घुलना, घर का क्षेत्रफल निकालना, घर के पास लगे पैडों और आसपास के उपस्थित जीवों की जानकारी  का उपयोग कर बच्चों को विज्ञान की तरफ आकर्षित किया जा सकता हैं  और घर में बैठे बच्चे बिना पैसे के उपलब्ध सामग्री से ही विज्ञान सीख सकते हैं ।
इसरो से सेवानिवृत वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्रसिंह पोखरना ने बताया कि घर और अपने स्कूल में उपलब्ध जो वस्तुएं हैं वह  क्या काम आती है, कहां से आती है, किस पदार्थ से बनी है, और कैसे काम करती है, रंग डिजाइन आदि क्या है, और इनका उपयोग किस तरह किया जा सकता है, इसमें विशेष रूप से इसके पीछे विज्ञान और इंजीनियरिंग और गणित क्या थी, जिससे यह वस्तु मानव उपयोग में ली जा रही है, इस तरह स्टैम (संईन्स, टेकनोलोजी, इंजीनियरिंग और मैथमैटिक्स) परियोजना का अर्थ  75 गतिविधियों  में उपलब्ध डिजाइन, मापन, स्वास्थ,शरीर विज्ञान,अध्यात्म एवं खगोल विज्ञान, भोजन विज्ञान, वातावरण, प्रौद्योगिकी पदार्थ विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, गणित, भौतिक एवं रसायन विज्ञान के संदर्भ में बताया गया । यह पर्यावरण को भी बहुत कम दूषित करेगा। घर में बच्चों और माता-पिता के साथ अन्य सदस्यों के बीच संबंध  मधुर बनेंगे और वह भी विज्ञान के प्रति जागरूक होंगे। साथ में स्थानीय स्तर पर नए-नए  आविष्कार कर सकते हैं।
 भाभा एटॉमिक ऊर्जा विभाग से सेवा निवृत अभियंता एवं वैज्ञानिक डॉ. महावीर प्रसाद जैन ने बच्चों को इंजीनियरिंग क्या होती है, इसका मानव जीवन में क्या उपयोग है, इनसे किस तरह से नई-नई खोजें हो रही है और इनसे  कैसे जीवन को सरल बनाया जा रहा है, के बारे में बताया कई उदाहरण देकर लाभान्वित किया।.
अलर्ट संस्था के अध्यक्ष जितेंद्र मेहता ने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पर जानकारी दी और बताया कि पर्यावरण संरक्षण के बारे में स्कूल जीवन से ही बच्चों को जानकारी देकर  प्रायोगिक कार्य कराए जाने चाहिए, जिससे बच्चे अपने जीवन में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हो और आगे जाकर वह इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। इसके लिए शिक्षकों को स्वयं और स्थानीय संसाधनों के आधार पर पहल करनी होगी। प्रशिक्षण के दौरान समग्र शिक्षा अभियान गोगुंदा की मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्रीमती प्रेरणा नौसियाल ने अतिथियों का स्वागत किया और सभी का आभार प्रकट किया।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like