ए नाइट विद वाइफ़ युवा लेखक सुशील कुसुमाकर की कहानियों की किताब है। इस किताब में कुल पाँच कहानियाँ शामिल हैं- ए नाइट विद वाइफ, सुट्टा प्वाइंट, हम्माम में नंगे, अन्ततः और तेरे मेरे बीच में। लेखक ने अपनी इन पाँचों कहानियों में शहरी यंग जेनरेशन की ज़िन्दगी को यथार्थ ढंग से दर्ज़ करने की कोशिश की है।
शहरों में आप एक सुकून भरी ज़िन्दगी तभी जी सकते हैं, जब आप इकनामिकली और सोशली सेटेल हों। लेकिन, व्यक्तिगत सफलता-असफलता, शार्ट-टर्म अफ़ेयर, यूनिवर्सिटी कैम्पस में शोषण, हर रोज़ की जाब तलाश, हर जगह ऊपर से नीचे तक बढ़ते लेन-देन, भागम-भाग भरे शहरी परिवेश और अस्थिरता से भरी ज़िन्दगी से वर्तमान युवा पीढ़ी काफी परेशान है। कुसुमाकर ने अपनी इस संग्रह की कहानियों में हर दिन बेहतर ज़िन्दगी के लिए सपने देखने वाले, विपरीत हालात से जूझने वाले और आशा-निराशा के बीच संघर्ष करने वाले युवाओं को कैरेक्टर बनाया है।
ए नाइट विद वाइफ़ और तेरे मेरे बीच में, ये दोनों कहानियाँ सफल-असफल प्रेम कथा बयान करती हैं। ए नाइट विद वाइफ़ के मुख्य क़िरदार का शादी से पहले एक अफ़ेयर रहा है। इसके बावज़ूद, वह शादी दूसरी लड़की से करता है, लेकिन वह अपनी पहले वाली प्रेमिका से पूरी तरह दूरी नहीं बना पाता है। और इधर, उसकी पत्नी उसके बिहेवियर को लेकर काफी परेशान रहती है। अतः ये कहानी एक यंग मैरिड कपल के बीच अन्तर्द्वन्द्व के हालात को बताती है। तेरे मेरे बीच में कहानी का क़िरदार साथ पढ़ने वाली लड़की से प्रेम करता है, लेकिन, वह कभी खुलकर लड़की से अपने प्रेम को जताता नहीं या फिर उसे जताने का मौका नहीं मिलता। और कहानी की नायिका सबकुछ जानते-समझते हुए अपने समानधर्मा एवं अच्छे-सच्चे साथी की बजाय, किसी दूसरे वेलसैटल्ड लड़के से कोर्ट मैरिज़ करती है, फिर भी वह कभी ख़ुश नहीं रहती है।
इस संग्रह में शामिल सुट्टा प्वाइंट और हम्माम में नंगे कहानियाँ यूनिवर्सिटी कैम्पस पर केन्द्रित हैं। पहली कहानी सुट्टा प्वाइंट जहाँ एक पीएच.डी. बेरोजगार युवा के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके जरिये यूनिवर्सिटी कैम्पस के आस-पास की हलचलों को बताती है, तो दूसरी कहानी हम्माम में नंगे रिसर्च करने वाली लड़कियों को क़दम-क़दम पर आने वाली परेशानियों और पदासीन द्वारा अपने फ़ायदे के लिए लड़कों को इस्तेमाल करने के ट्रेंड को उजागर करती है।
संक्षेप में, लेखक सुशील कुसुमाकर ने अपने कहानी-संग्रह ए नाइट विद वाइफ़ की कहानियों में आज के युवाओं की उन समस्याओं को दिखाया है, जिनके बारे में हम अक्सर चुप रहते हैं या फिर अपना फायदा-नुकसान देखकर बात नहीं करते हैं। ऐसे समय में, यह कहानी-संग्रह काफी महत्वपूर्ण है। मुझे उम्मीद है कि कहानियों की इस किताब को सभी पाठक पढ़ेंगे और पसन्द करेंगे।
कहानी-संग्रह – ए नाइट विद वाइफ़
लेखक – सुशील कुसुमाकर
प्रकाशक – ए.आर. पब्लिशिंग कम्पनी, दिल्ली
ISBN : 978-93-94165-79-3
मूल्य – ₹295