*आज के युवा कल बनेंगे देश के भावी नेता*
*राजस्थान विधानसभा में हुआ एक दिवसीय युवा संसद का सार्थक प्रयास*
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राजस्थान विधानसभा में 15 दिसंबर 2025 को विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर पहली बार राज्य के 41 जिलों के सरकारी स्कूलों के चयनित 164 छात्रों-छात्राओं की एक दिवसीय युवा संसद (यूथ पालियामेंट) आयोजित की गई। इसमें कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों ने संसदीय कार्यवाही का अनुभव लिया और “हमारा भविष्य, हमारा निर्णय” विषय पर प्रभावशाली बहस और चर्चा से सभी लोगों को प्रभावित किया। आज के युवा कल बनेंगे देश के भावी नेता, इस धारणा को सही साबित करने के लिए राजस्थान विधानसभा में हुई इस एक दिवसीय युवा संसद के सार्थक प्रयास में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों ने प्रतिभागी बन कर विषय पर अपने-अपने अंदाज में तीखे और दिलचस्प तेवर दिखाएं।

*युवा संसद कार्यक्रम का शुभारंभ*
युवा संसद कार्यक्रम का शुभारंभ विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने किया। इस अवसर पर राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ के सचिव एवं विधायक संदीप शर्मा मंच पर मौजूद रहें। इस मौके पर विधानसभा के प्रमुख सचिव भारत भूषण शर्मा, शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल, राजस्थान विधानसभा के विशिष्ट सहायक के. के.शर्मा सहित शिक्षा विभाग के अधिकारीगण और विधानसभा के अधिकारीगण भी उपस्थिय थे।
*कार्यक्रम का उद्देश्य*
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को लोकतंत्र की प्रक्रिया से जुड़ने का वास्तविक अनुभव देना, उनमें नेतृत्व क्षमता,संवाद कौशल तथा आत्म-विश्वास बढ़ाना,मानसिक स्वास्थ्य, करियर मार्गदर्शन जैसे विषयों पर युवाओं की सोच सामने लाना तथा उनमें लोकतांत्रिक अधिकारों और कर्तव्यों की समझ विकसित करना आदि था।
*विधानसभा स्पीकर के उद्गार*
विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस एक दिवसीय युवा संसद का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ करते हुए कहा कि विधान सभा कानून बनाने के साथ युवाओं को मुख्य धारा में लाने का सशक्त मंच भी है। उन्होंने युवाओं का आव्हान किया है कि वे अपनी स्वतंत्र सोच को मजबूत आवाज के साथ रखें।साथ ही समस्याओ के समाधान भी सुझाएं।देवनानी ने कहा कि आज समय और चुनौतियां बदल रही है। ऐसी परिस्थितियों में युवा शक्ति को बदलते भारत की दिशा में नये आयामों के लिए भरपूर प्रयास करने होंगे।उन्होंने कहा कि युवा संसद समय के अनुकूल एक व्यापक सोच है। दुनिया बदल रही है, कौशल बदल रहे है और अवसर भी बदल रहे है। ऐसे समय में युवाओं के कंधों पर जीवन कौशल,वित्तीय साक्षरता,नैतिक मूल्य जैसे गुणों का विकास, शैक्षणिक आवश्यकता के साथ सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि युवा लोकतांत्रिक शक्ति के सक्रिय वाहक है। जिन सीटों पर विधायक बैठते है, उन पर आज भविष्य के विधायक, वैज्ञानिक, प्रशासक,शिक्षक और जनप्रतिनिधि बैठे हुए है। यह प्रयास युवाओं को दर्शक नहीं,बल्कि 21वीं सदी के विजेता बनाने का है। देवनानी ने कहा कि आज पढ़ाई का दबाव,केरियर का तनाव, सोशल मीडिया का प्रभाव, तुलना की भावना,अकेलापन और प्रतिस्पर्धा ने युवाओं पर बहुत अधिक दबाव बना दिया है। उन्होंने कहा कि मजबूत मन ही मजबूत निर्णय लेता है और यही जीवन में सफलता का आधार होता है। ऐसे में कैरियर मार्गदर्शन बहुत महत्वपूर्ण है। दिशा मिल जाए तो औसत क्षमता वाला युवा भी शिखर पर पहुँच सकता है। प्रश्न पूछने वाला युवा ही परिर्वतन की मशाल जलाता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे विषय को समझे, उसका विश्लेषण करें और धैर्य के साथ निर्णय लें।
स्पीकर देवनानी ने कहा कि वर्तमान समय में यह आवश्यक है कि युवा देश के लिए पढे एवं खेले तथा देश के लिए ही जिए और राष्ट्र के चहुमुखी विकास में भागीदार बने। राजस्थान ज्ञान और नेतृत्व में अग्रणी प्रदेश है। युवा मेहनत करें और अपनी प्रतिभा को पहचाने। उन्होंने युवाओं से कहा कि सदन की समृद्ध परम्पराएं होती है। किसी बात का समर्थन करने पर मेज थपथपाई जाती है लेकिन संवाद में मर्यादा और स्पष्टता एवं संयमित भाषा का उपयोग करना बहुत जरूरी है।

*शिक्षा मंत्री का उद्बोधन*
युवा संसद की संबोधित करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राज्य विधानसभा के ऐतिहासिक भवन के सदन में युवाओं की उपस्थिति गौरव की अनुभूति करा रही है। युवा देश का भावी नेतृत्व है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे संवाद और सहभागिता सीखें। समन्वय के साथ लोकतन्त्र को मजबूत बनाये। दिलावर ने कहा कि युवाओं को शालीनता का परिचय देना होगा। किसी दबाव एवं असमंजस से बचना होगा। साथ ही उचित मार्ग दर्शन के साथ सफलता के शिखर पर पहुँचना होगा।
*संसदीय संघ के सचिव के उद्गार*
इस अवसर पर राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ के सचिव एवं विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि युवा संसद नई पीढी को राष्ट्र नीति निर्माण से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास है। यह विविधता से परिपूर्ण राज्य की आकांक्षाओं का मूर्त रूप भी है। सीमित संसाधनों में युवाओं की मेहनत और लगन के साथ प्रगति एक सुखद अनुभूति है। राजस्थान का युवा उत्साहित है। युवाओं में संवाद एवं संस्कृति की भावना है। यही लोकतांत्रिक मूल्यों का सुदृढीकरण है।
गुलाबी नगर जयपुर के गुलाबी आवरण में लिपटी राजस्थान विधानसभा में आयोजित युवा संसद में छात्र-छात्राएं सदन के हां पक्ष और ना पक्ष लॉबी में विधायक बन कर बैठीं तथा राजस्थानी साफा पहने एक छात्र ने विधानसभाध्यक्ष की भूमिका का निर्वहन किया।अन्य छात्र -छात्रा सदन के नेता और प्रतिपक्ष के नेता बने। सदन में विधायक बने विद्यार्थियों ने भी बहुत ही प्रभावी ढंग से अपनी-अपनी जिम्मेदारी को निभाया। कुल मिला कर प्रदेश के करोड़ों विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व करते हुए इन चुने हुए छात्र-छात्राओं ने राज्य विधानसभा के सदन में बैठ कर अपने आपको गौरवान्वित अनुभव किया।
विधानसभा में आयोजित इस युवा संसद का विश्लेषण इस प्रकार किया जा सकता है:-
*एक सफल पहल*
*1. लोकतंत्र की समझ और अनुभव*
छात्रों ने विधानसभा जैसे गंभीर मंच पर मुख्यमंत्री, स्पीकर, विपक्षी नेता की भूमिकाएँ निभाईं और संसदीय कार्यवाही की प्रक्रिया को समझा। इससे उन्हें लोकतंत्र और शासन के कामकाज का व्यावहारिक अनुभव मिला, जो उन्हें शिक्षण पुस्तकों में नहीं मिलता है।
*2. बच्चों ने उठाए वास्तविक मुद्दे*
युवा संसद में विद्यार्थियों ने शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, करियर दबाव जैसे विषयों के साथ सामाजिक समस्याओं पर भी चर्चा की। इससे यह संकेत मिलता है कि आज के युवा सिर्फ मंच पर बैठने वाले नहीं, बल्कि सोच-विचार करने वाले युवा नागरिक बनने की दिशा में सक्रिय हैं।
*3. आत्म-विश्वास और नेतृत्व क्षमता*
राज्य के अलग-अलग जिलों के विद्यार्थियों ने अपना भाषण, बहस और प्रस्तुति कौशल दिखाया, जो उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला रहा और यह उनके लिए भविष्य के नेताओं को तैयार करने में सहायक हो सकता है।
*4. पारदर्शिता और पहुंच*
इस कार्यक्रम का सदन से लाइव प्रसारण किया गया, जिससे जनता और अन्य विद्यार्थियों को भी इसे देखते और समझते में मदद मिली । साथ ही इससे शिक्षा में लोकतांत्रिक भागीदारी का संदेश भी व्यापक स्तर तक पहुंचा। यह युवा संसद एक सकारात्मक और महत्वपूर्ण शुरुआत थी जिसने छात्रों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया का व्यावहारिक अनुभव दिया और उनकी सोच तथा नेतृत्व कौशल को प्रोत्साहित किया।
*युवा संसद में प्रस्ताव पारित*
राजस्थान विधानसभा में आयोजित हुई युवा संसद में राज्य के विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत किशोर-किशोरियों के मानसिक स्वास्थ्य एवं करियर मार्गदर्शन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक राज्य-स्तरीय काउंसलिंग कार्यक्रम प्रारंभ करने, प्रत्येक विद्यालय में मानसिक स्वास्थ्य एवं करियर काउंसलिंग प्रकोष्ठ स्थापित करने, प्रशिक्षित काउंसलर की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा नियमित परामर्श एवं करियर जागरुकता गतिविधियाँ संचालित करने के लिए शासन को अधिकृत करने का प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में बताया गया कि इस निर्णय से विद्यार्थियों में मानसिक स्थिरता, आत्मविश्वास एवं करियर चयन की स्पष्टता बढ़ेगी तथा विद्यालयी वातावरण अधिक सुरक्षित एवं सकारात्मक होगा।
राज्य विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी अपने नवाचारों से देश -विदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफल हो रहे है। उन्होंने विधानसभा में एक डिजिटल गैलरी का निर्माण कराया है जिसमें राजस्थान के निर्माण और गौरवशाली इतिहास, प्रदेश के विभिन्न चरणों में हुए गठन की कहानी, राज्य में अब तक बने मुख्यमंत्रियों, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता, विधानसभाध्यक्ष आदि की विस्तृत जानकारी तथा उनकी डमी छवियों के साथ ही एक सचित्र संविधान दीर्घा और वन्दे मातरम् दीर्घा आदि का निर्माण करवा उसे आम जन के दर्शनार्थ खोला गया है। अब तक सैकड़ों विद्यालयों के हजारों विद्यार्थी और अन्य लोग इसे देख चुके है। उन्होंने संसद के नेवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत विधानसभा को पेपरलेस बनाने की पहल भी की है और राज्य के सभी 200 विधायकों की टेबल पर एक- एक टेबलेट लगाने के साथ-साथ विधायकों के डिजिटल हस्ताक्षर कराने आदि कई नवाचार भी किए है। इसके अलावा विधानसभा में कारगिल शौर्य वाटिका का निर्माण भी कराया है। उन्होंने युवा संसद जैसी पहल करवा आने वाली पीढ़ी को राजनीति का पाठ पढ़ाने की एक सार्थक पहल की है जोकि एक सकारात्मक एवं स्वागत योग्य कदम कहा जा सकता है।