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विद्या भवन पॉलिटेक्निक में संविधान दिवस समारोह आयोजित

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26 Nov 25
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विद्या भवन पॉलिटेक्निक में संविधान दिवस समारोह आयोजित

पंच परिवर्तन तथा पंच प्रण से पूर्ण करे अपने   मौलिक कर्तव्य : डॉ अनिल मेहता 

उदयपुर, संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य रहे , विद्या भवन के संस्थापक डॉ मोहन सिंह मेहता का स्मरण करते हुए बुधवार को विद्या भवन पॉलिटेक्निक में संविधान दिवस समारोह आयोजित हुआ।

आयोजक जय शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में संविधान की उद्देशिका का वाचन करते हुए शपथ ली गई।

मुख्य वक्ता प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने कहा कि हम संविधान में उल्लेखित अपने मौलिक कर्तव्यों  का मन, वचन तथा कर्म से पालन करे तो समाज, देश व पूरा विश्व उन्नति के शिखर कर पहुंच जाएगा।

डॉ मेहता ने कहा कि पंच प्रण  अर्थात देश को विकसित बनाना,गुलामी की मानसिकता से मुक्ति , समृद्ध विरासत पर गर्व, एकता ,  नागरिक जिम्मेदारी तथा पंच परिवर्तन अर्थात  स्वदेशी, सामाजिक समरसता , पर्यावरण संरक्षण, कुटुम्ब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य ऐसे मूल मार्ग है जिन पर चलकर हर व्यक्ति अपने संविधानिक मौलिक दायित्वों  को पूर्ण कर सकता  है। 

मेहता ने इस अवसर पर संविधान के सम्मान व   इसकी पालना का आग्रह करते  करते हुए सभी से दस कर्तव्यों  के निर्वहन का आह्वान किया। 

 उपस्थित  प्रतिभागियों  ने निम्नलिखित कर्तव्यों के पालन का प्रण किया : संविधान का पालन करना तथा उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना; उन महान आदर्शों को संजोए रखना और उनका पालन करना जिन्होंने हमारे राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया;भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखना और उसकी रक्षा करना; देश की रक्षा करना तथा आह्वान किये जाने पर राष्ट्रीय सेवा प्रदान करना; भारत के सभी लोगों के बीच धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय या वर्गीय विविधताओं से ऊपर उठकर समरसता और समान भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना; महिलाओं की गरिमा के विरुद्ध अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करना;हमारी मिश्रित संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देना और संरक्षित करना;वनों, झीलों, नदियों और वन्य जीवन सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और संवर्धन करना तथा जीवित प्राणियों के प्रति दया रखना; वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद तथा जिज्ञासा एवं सुधार की भावना का विकास करना;सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा करना और हिंसा का परित्याग करना;व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधि के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता की ओर प्रयास करना ताकि राष्ट्र निरंतर प्रयास और उपलब्धि के उच्च स्तर तक पहुंचे।

इस अवसर पर प्राध्यापक रमेश चंद्र कुम्हार, अमित कुशवाह , राधा किशन  मेनारिया ने भी विचार व्यक्त किया।
 


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