GMCH STORIES

मर्ज बढ़ता ही गया ज्यों ज्यों दवा करी@सेमल सरंक्षण

( Read 4225 Times)

24 Mar 24
Share |
Print This Page

मर्ज बढ़ता ही गया ज्यों ज्यों दवा करी@सेमल सरंक्षण

 

उदयपुर सोसाइटी फॉर माइक्रोवाइटा रिसर्च एंड इंटीग्रेटेड मेडिसिन (स्मरिम), उदयपुर द्वारा चलाये जा रहे सेमल सरंक्षण अभियान के तहत शनिवार को शहर और आस-पास के स्थानों पर किये गए सर्वे में सामने आया की जितने अधिक प्रयास सेमल वृक्ष को बचाने के लिए किये जा रहे, उतने ही अधिक सेमल वृक्ष कटते जा रहे. सोसाइटी अध्यक्ष डॉ. एस. के. वर्मा ने बताया की पिछले कुछ वर्षों में कोरोना वाइरस के प्रभाव में सेमल पर इतनी कुल्हाड़ियाँ नहीं चली जितनी इस वर्ष कटे हुए सेमल वृक्षों की संख्या हैरान कर देने वाली हैं.


इसी के साथ ही सेमल का मूल्य भी रु.1000  से 1500 /- हो गया है. विस्मयकारी तो ये दिखा की एक अत्यधिक विशाल सेमल का वृक्ष जिसकी ऊंचाई लगभग 45-50 फ़ीट होगी और जो अभी अपने पुष्पन के चक्र से गुजर रहा था वो भी शहर की सर्वाधिक ऊँची होली जलाने की लालसा में सिसकियाँ ले रहा था. जाहिर है की यदि उसे पुष्पन की अवस्था में ही काट दिया गया है तो फल और बीज लगने की गुंजाइश को ही समाप्त कर दिया गया और इसके साथ ही एक प्रजाति के प्राकृतिक संवर्धन को रोक दिया गया.    
सोसाइटी सचिव डॉ. वर्तिका जैन ने कहा की सोसाइटी द्वारा सेमल के स्थान पर निरंतर अन्य विकल्प प्रस्तुत किये गए हैं जिसमें लोहे को होली, गोबर के कंडों की होली इत्यादि सम्मिलित है परन्तु बुद्धिजीवी वर्ग अभी भी इसे स्वीकार नहीं कर पा रहा है और इसकी परिणति आने वाले वर्षों में दक्षिणी राजस्थान से सेमल के विलुप्त होने के रूप में होगी. सोसाइटी सदस्यों ने सेमल सरंक्षण अभियान को सफल बनाने हेतु निरंतर सेमल के नए पौधों को रोपित और सरंक्षित करना तथा सामूहिक होली जलाने का संकल्प लिया और सुझाव दिया की इस अभियान में वन विभाग से भी सेमल की सुरक्षा में सहयोग लेना होगा ताकि सेमल की कटाई पर ही रोक लगा दी जाय.


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Headlines
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like