उदयपुर, प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश रावत ने कहा कि जल संरक्षण की दृष्टि से उदयपुर रियासत काल से सजग है। यहां सदियों पूर्व बनी जल संरचनाएं आज भी पूरे विश्व को प्रेरित करती हैं। उदयपुर संभाग मानसून का प्रवेश द्वार भी माना जाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में आगामी 5 जून से प्रारंभ होने वाले जल स्वावलंबन पखवाड़े में उदयपुर संभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
जल संसाधन मंत्री श्री रावत शुक्रवार अपराह्न कलक्ट्रेट सभागार में जल स्वावलंबन पखवाड़े और बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों को लेकर संभागीय स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी, आईजी राजेश मीणा, जिला कलक्टर नमित मेहता, एसपी योगेश गोयल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही चित्तौडगढ़, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर व प्रतापगढ़ जिलों के जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारी वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
श्री रावत ने कहा कि राजस्थान सरकार जल संरक्षण और पर्यावरण संवर्धन को लेकर सजग और संकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन और निर्देशानुसार राज्यभर में जल संरक्षण को जन आंदोलन का स्वरूप देने के लिए विशेष पहल की जा रही है। इसके तहत 5 जून से 20 जून तक प्रदेश भर में जल स्वावलंबन पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा, जिसका शुभारंभ 5 जून को गंगा दशमी और विश्व पर्यावरण दिवस के पावन अवसर पर किया जाएगा।
मंत्री श्री रावत ने बताया कि यह पखवाड़ा केवल सरकारी औपचारिकता न होकर जनभागीदारी से संचालित एक व्यापक सामाजिक अभियान होगा। इसके तहत जल स्रोतों का संरक्षण, परंपरागत जल संचयन प्रणाली का पुनर्जीवन, जलाशयों की सफाई, वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहन, पौधारोपण, श्रमदान और जनजागृति जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्कूल, कॉलेज, पंचायत, स्वयंसेवी संगठन, युवा और किसान समूहों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे मरुस्थलीय प्रदेश में जल की प्रत्येक बूंद का महत्व है, और ऐसे में इस पखवाड़े के माध्यम से जन-जन को जल संरक्षण की दिशा में जागरूक करना सरकार की प्राथमिकता है।
जिले वार तैयारियों की ली जानकारी, दिए निर्देश
मंत्री श्री रावत ने उदयपुर सहित संभाग के सभी जिलों से जल स्वावलंबन पखवाड़े के तहत आयोजित होने वाली गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने अभियान में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने, हर विधानसभा स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में वृहद् कार्यक्रम करने, हर पंचायत में जल संरचना पर जल पूजन सहित अन्य जागरूकता कार्यक्रम करने के निर्देश दिए। उन्होंने सीएसआर से भी अधिक से अधिक जल संरक्षण व पौधारोपण के कार्य कराने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने 5 जून से पूर्व वातावरण निर्माण के लिए रैली, कलश यात्रा, प्रभात फेरी जैसी गतिविधियां आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
हरियाळो राजस्थान की भी जानी तैयारियां
मंत्री श्री रावत ने संभाग के सभी जिला कलक्टर्स से आगामी वर्षा ऋतु में हरियाळो राजस्थान के तहत किए जाने वाले पौधरोपण की कार्ययोजना पर भी चर्चा की। उन्होंने अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए पौधरोपण कराने तथा पौधों की सुरक्षा और संवर्धन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
जल प्रवाह मार्गों से हटाएं अतिक्रमण
मंत्री श्री रावत ने आगामी मानसून के मद्देनजर बाढ़ प्रबंधन तैयारियों की भी समीक्षा की। उन्होंने जिलेवार बढ़े जल स्त्रोतों, अतिवृष्टि की स्थिति में जल भराव वाले स्थलों को लेकर तैयार एक्शन प्लान पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने ग्राम स्तर तक जल प्रवाह मार्गों, नदी, तालाबों में अतिक्रमण चिन्हित कराकर उन्हें जल्द से जल्द हटवाने के भी निर्देश दिए।
यह भी रहे मौजूद
बैठक में जिला परिषद सीईओ रिया डाबी, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त छोगाराम देवासी, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अतिरिक्त आयुक्त गीतेशश्री मालवीया, समाजसेवी गजपालसिंह, उप वन संरक्षक अजय चित्तौड़ा, मुकेश सैनी, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता मनोज जैन, पीएचईडी के अधीक्षण अभियंता रविन्द्र चौधरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।