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बालश्रम उन्मूलन के लिए पुनर्वास प्रक्रिया को सशक्त करना आवश्यक – हिमाली

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12 Jun 25
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बालश्रम उन्मूलन के लिए पुनर्वास प्रक्रिया को सशक्त करना आवश्यक – हिमाली

उदयपुर, अंतर्राष्ट्रीय बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर राजस्थान चाइल्ड एडवाइजरी ग्रुप (आर.केग.) द्वारा हिरण मगरी सेक्टर-6 स्थित गायत्री सेवा संस्थान के विवेकानंद सभागार में बालश्रम उन्मूलन पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें प्रदेशभर के बाल अधिकार विशेषज्ञों ने भाग लिया।

मुख्य अतिथि के रूप में यूनिसेफ राजस्थान की बाल संरक्षण अधिकारी हिमाली लेउवा ने कहा कि “बालश्रम से पीड़ित बच्चों के केवल रेस्क्यू से समाधान नहीं निकलेगा, जब तक उनकी पुनर्वास प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से मज़बूत नहीं किया जाएगा। तभी पीड़ित बच्चों को न्याय और दोषियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई संभव है।” उन्होंने आर.केग. द्वारा नीतिगत सुझावों और विभिन्न संगठनों को जोड़ने के प्रयासों की सराहना की।

राजस्थान बाल आयोग के पूर्व सदस्य एवं बाल अधिकार विशेषज्ञ डॉ. शैलेन्द्र पंड्या ने जनजातीय क्षेत्रों में मानव तस्करी की घटनाओं, मॉडल एफआईआर और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की।

बैठक की अध्यक्षता आर.केग. के अध्यक्ष व राजस्थान एससीईआरटी के पूर्व निदेशक डॉ. शरद चंद्र पुरोहित ने की। उन्होंने कहा कि बालश्रम की रोकथाम में सरकार और गैर-सरकारी संगठनों के साथ आम नागरिकों की भी सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने सभी स्थानीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया।

आर.केग. के वरिष्ठ सदस्य और समाजसेवी चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने समीधा संस्थान द्वारा पुनर्वास हेतु किए गए नवाचारों की जानकारी दी और राज्य सरकार से बालश्रम उन्मूलन के लिए सुझाव स्वीकार करने की अपील की।

इस अवसर पर यूनिसेफ सलाहकार सिंधु बिंदुजीत, डॉ. अजीत जोशी, अंतरराष्ट्रीय संस्था आई.जे.एम. के एडवोकेट जॉन जेम्स, संभागीय कार्यक्रम अधिकारी सुखविंदर, सृष्टि सेवा समिति से रवि बघेल, समाजसेवी डॉ. राजश्री गांधी, भारत विकास परिषद, फोस्टर केयर सोसायटी, गायत्री सेवा संस्थान एवं आर.केग. के कई सदस्य उपस्थित रहे।


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