तिरुवारूर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा को केवल डिग्री या प्रमाणपत्र तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उपयोग समाज के व्यापक कल्याण और प्रकृति के संरक्षण के लिए होना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज के डिजिटल युग में सीखने के साधन पहले से कहीं अधिक उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी विचार पर आधारित है, जिसमें परंपरा और आधुनिकता का संतुलित संयोजन शामिल है। उन्होंने जोर दिया कि इंटरनेट क्रांति और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी नई तकनीकों के दौर में वही व्यक्ति आगे बढ़ पाएगा, जो निरंतर नई बातें सीखने और बदलती परिस्थितियों के अनुरूप खुद को ढालने की क्षमता रखता हो।
राष्ट्रपति मुर्मू ने विस्तार शिक्षा के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इसके माध्यम से ग्रामीण समाज में चेतना और जागरूकता फैलाने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए।