लेखिका डॉ. कृष्णा कुमारी की यह पुस्तक दक्षिण भारत की यात्रा-वृतांत है, जिसमें मैसूर, ऊटी, कोडईकनाल, बेंगलुरु, गोवा के अद्भुत प्राकृतिक और सांस्कृतिक अनुभवों को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है। यात्रा के दौरान लेखिका ने ट्रेन यात्रा से लेकर स्थानीय बाजारों, पर्यटक स्थलों, और लोगों से मिलकर अद्भुत अनुभवों को साझा किया है। किताब के पहले अध्याय में प्लेटफॉर्म से लेकर मैसूर की यात्रा की झलकियों का विस्तार से वर्णन है, साथ ही सहयात्रियों के साथ की बातचीत और मनोविनोद की स्थिति का चित्रण भी किया गया है। हर जगह के दृश्य, जैसे आंध्रप्रदेश के सूरजमुखी के खेत या चामराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन में घूमते जानवर, सभी का मनमोहक वर्णन है।
इस यात्रा-वृतांत में एक ओर दिलचस्प पहलू है, जहाँ संस्कृति, कला, और इतिहास का मिश्रण देखने को मिलता है, जैसे मैसूर के जगमोहन प्रसाद और चामराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन की परिक्रमा करते हुए हर विवरण को जीवंत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में गहरी सटीकता और साहित्यिक वृत्तियों का भी आभास होता है।