GMCH STORIES

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के स्थापना के 100 वर्ष राजस्थान में कम्युनिस्ट आन्दोलन का प्रारंभ

( Read 374 Times)

13 Dec 25
Share |
Print This Page

डॉ हेमेन्द्र चण्डालिया
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के स्थापना 26 दिसम्बर 1925 ई को उत्तरप्रदेश के कानपुर में हुई | कानपूर के हाता कमालखान स्थित राष्ट्रीय नेता मौलाना हसरत मोहनी के निवास पर सभागार में आयोजित के पहले सम्मलेन में पार्टी की स्थापना हुई | इस अवसर पर प्रतिनिधि सत्र में राजस्थान से अर्जुन लाल सेठी (जयपुर ), स्वामी सत्यभक्त (भरतपुर ) और जानकी प्रसाद भगरहट्टा शामिल हुए और उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की | स्वामी सत्यभक्त इस सम्मलेन के संयोजक थे और इसमें कामरेड एस. वी. घाटे पार्टी के पहले महासचिव चुने गए | लेबर किसान पार्टी ऑफ़ हिन्दुस्तान का इस समय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में विलय हो गया | कुछ इतिहासविदों का यह भी मानना है कि इस से पूर्व 1920 में रूस के ताशकंद में जो अब उज्बेकिस्तान का हिस्सा है मानवेन्द्र नाथ राय, उनकी पत्नी एवलिन और अबनी मुख़र्जी ने भारत में एक कम्युनिस्ट पार्टी के गठन का आव्हान किया था | मानवेन्द्र नाथ राय ने उस समय पार्टी के मेनिफेस्टो की रचना भी की थी | भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कम्युनिस्ट समूहों ने अपना कार्य प्रारम्भ कर दिया था | एम्. एन. राय , एस ए डांगे (बम्बई ), मुज़फ्फर अहमद(बंगाल), शौकत उस्मानी (यू पी ), गुलाम हुसैन (सिंध और पंजाब ), भगबती चरण पाणिग्रही(उड़ीसा) और सिंगारवेलु चेट्टियार(मद्रास) जैसे लोग साम्यवादी विचारों को फैलाने में अग्रणी थे | 1920 में आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस
(एटक ) की स्थापना हो चुकी थी | इस से श्रमिक आन्दोलन को गति मिली और साम्यवाद के विचारों को भी | 1924 ई में अंग्रेजों द्वारा कम्युनिस्टों के विरुद्ध कार्रवाई के तहत कानपूर षड़यंत्र केस में एस ए डांगे, मुज़फ्फर अहमद, और नलिनिसेन गुप्ता के साथ –साथ बीकानेर के शौकत उस्मानी को भो चार वर्ष कैद की सज़ा दी गयी थी | आर सी शर्मा फ्रेंच उपनिवेश पोंडिचेरी में थे इसलिए उनकी गिरफ़्तारी नहीं हो सकी | देश के विभिन्न भागों में संघर्ष रत कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों के पीछे अँगरेज़ सरकार पड़ी रहती थी और कानपूर षड्यंत्र केस के अतिरिक्त पेशावर षड्यंत्र केस और मेरठ षड्यंत्र केस में कम्युनिस्ट लोगों पर मामले दर्ज हुए और उन्हें जेल में डाला गया | अंग्रेजों के दमन के कारण बहुत से कम्युनिस्ट क्रन्तिकारी सेनानियों ने बंगाल में वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी की
सदस्यता लेकर उसमे काम शुरू कर दिया |


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like