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राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष

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22 Dec 25
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राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष

‘2 साल: नव उत्थान-नई पहचान’_ _‘बढ़ता राजस्थान-हमारा राजस्थान’_*

*मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में लॉजिस्टिक अवसंरचना के विकास में हो रही उल्लेखनीय प्रगति*

*माल परिवहन लागत में कमी की दिशा में राज्य सरकार का निर्णायक एवं दूरदर्शी कदम*

*पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के चार स्टेशन टू-लेन सड़कों से जुड़े, 8 स्टेशनों का काम भी शीघ्र होगा पूरा*

जयपुर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व एवं प्रभावी नीतियों के फलस्वरूप प्रदेश में परिवहन तथा लॉजिस्टिक अवसंरचना के विकास की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। राज्य सरकार द्वारा माल परिवहन लागत में कमी लाने एवं औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गत 2 वर्षों में किए गए प्रयास अब मूर्त रूप ले रहे हैं।

 

माल परिवहन को और अधिक सुलभ, त्वरित एवं किफायती बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की प्रमुख धुरी माने जाने वाले पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के प्रदेश से गुजरने वाले खंड में सभी फ्रेट कॉरिडोर स्टेशनों को ऑल-वेदर टू-लेन सड़कों से जोड़ने का काम किया जा रहा है।

 

*112 करोड़ रुपये की लागत से 59 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़कों का निर्माण*

राज्य सरकार द्वारा पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 12 नवीन स्टेशनों तक कनेक्टिविटी सुदृढ़ करने के लिए लगभग 112 करोड़ रुपये की लागत से 59 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़कों के निर्माण का कार्य प्रगतिरत है। इनमें से चार स्टेशनों- किशनगढ़, मारवाड़ जंक्शन, केशवगंज एवं बनास स्टेशनों तक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

 

अन्य आठ स्टेशनों- श्रीमाधोपुर, सराधना, हरिपुर, चंडावल, जवाली, बिरोलिया, साखून एवं स्वरूपगंज स्टेशनों को भी टू-लेन सड़कों से जोड़ने का कार्य जारी है। इन सड़कों के निर्माण से उद्योगों को कच्चे माल एवं तैयार उत्पादों के परिवहन में सुगमता मिलेगी साथ ही लागत में भी कमी आएगी। लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि होने के कारण औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा तथा रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध होंगे।

 

फ्रेट कॉरिडोर की कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ बनाने के लिए बधाल डीएफसीसी टर्मिनल को राष्ट्रीय राजमार्ग-52 से जोड़ने हेतु 95 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। साथ ही मुख्य जिला सड़क-81 पर बागावास बाईपास के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी की गई है। यहां भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 

 

इसके अतिरिक्त मंडा रीको औद्योगिक क्षेत्र को लालासर (एमडीआर-81) से जोड़ने के लिए 9 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी प्रदान की जा चुकी है एवं कार्य प्रगति पर है।

 

*564 किलोमीटर फ्रेट कॉरिडोर पर 18 नवीन फ्रेट स्टेशन*

 

उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे द्वारा विकसित किए जा रहे 1504 किलोमीटर लंबे पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में से लगभग 564 किलोमीटर का महत्त्वपूर्ण खंड राजस्थान से होकर गुजरता है। इस मार्ग पर 18 नवीन फ्रेट स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से 12 स्टेशन पूर्व में समुचित सड़क सुविधा से वंचित थे। राज्य सरकार की बजट घोषणा के बाद इन सभी स्टेशनों को ऑल वेदर रोड से जोड़ने का काम प्रगति पर है।


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