GMCH STORIES

राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग का जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम21 को

( Read 263 Times)

19 Nov 25
Share |
Print This Page

 राजस्थान अन्य पिछड़ा वर्ग  (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग, राजस्थान  सरकार  द्वारा 21 नवंबर को उदयपुर में संभाग स्तरीय जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। राजस्थान ओबीसी आयोग के जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि 21 नवंबर को प्रातरू 11 से 1.30 बजे तक जिला परिषद सभागार कलेक्ट्रेट परिसर,उदयपुर में आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) श्री मदनलाल भाटी सहित अन्य माननीय सदस्य श्री गोपाल कृष्ण, प्रो. राजीव सक्सेना, श्री मोहन मोरवाल, श्री पवन मंडाविया तथा सचिव (सलाहकार) श्री अशोक कुमार जैन की उपस्थिति में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जनसंवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस परिचर्चा में ओबीसी आयोग आमजन से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर अन्य पिछड़ा वर्गा के क्षेत्रवार मुद्दे, विकास संबंधी आवश्यकताएँ, सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां और ओबीसी समुदाय के कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण समस्याओं, अपेक्षाओं व सुझावों को प्राप्त करेगा इस व्यापक जनसुनवाई का उद्देश्य अन्य पिछड़ा वर्ग से जुड़े मुद्दों पर प्रत्यक्ष संवाद स्थापित कर सुझाव एकत्रित करना है । आयोग द्वारा प्राप्त सुझावों को रिपोर्ट में समाहित किया जाएगा ताकि राज्य में ओबीसी समुदाय के सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण के लिए ठोस नीति-निर्माण हो सके।
 
आयोग के निर्देशानुसार जिला प्रशासन उदयपुर द्वारा अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद वीरमाराम  को नोडल अधिकारी एवं उपायुक्त नगर निगम दिनेश मंडोवरा को सह नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जनसंवाद कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आयोग द्वारा संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षकों को व्यवस्था सुनिश्चित करने के विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। आयोग द्वारा जनसंवाद/परिचर्चा कार्यक्रम में संबंधित जिले के वर्तमान एवं पूर्व सांसद, विधायक, जिला प्रमुख-उप प्रमुख/प्रधान, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, नगर पालिका/नगर परिषद/नगर निगम के सदस्य एवं अध्यक्ष, बार काउंसिल सदस्य, शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थाए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद एवं नगरीय निकायों के अधिशासी अधिकारी सहित अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण से जुड़े पदाधिकारी तथा आमजन के साथ प्रत्यक्ष संवाद करेगा। साथ ही आयोग के जनसंवाद में वर्तमान एवं पूर्व जनप्रतिनिधि, पंचायत राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ही सांसद एवं विधायक जनसुनवाई में भागीदारी के निभायेंगे। जनसंवाद के दौरान आयोग अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से संबंधित विभिन्न विषयों एवं मुद्दों पर हितधारकों के साथ विचार विमर्श,चर्चा करेगा एवं आमजन के सुझाव प्राप्त करेगा।
 
आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेनि.) श्री मदनलाल भाटी ने कहा कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का अनुभवजन्य तरीके से अध्ययन करने के लिए आयोग ने तय किया है कि संभाग मुख्यालयों पर पहुँचकर इस विषय में जनसुनवाई हेतु कार्यक्रम आयोजित किये जाये, जिससे आम जनता, राजनैतिक व्यक्तियों, हितबद्ध व्यक्तियों एवं संस्थाओं के विचार जानने हेतु उनसे चर्चा की जाए और यदि कोई व्यक्ति / संस्था इस संबंध में अभ्यावेदन प्रस्तुत करना चाहे तो इसे लिया जाए। आयोग राजस्थान प्रदेश के अन्य पिछड़े वर्गों के समग्र उत्थान एवं राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए प्रतिबद्ध हैं। आयोग का प्रयास रहेगा कि वह पूर्ण पारदर्शिता के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के हर वर्ग का विश्लेषण कर शीघ्र ही आरक्षण का नवीन प्रावधान तय करेगा। वर्तमान परिदृश्य में पिछड़े वर्गों के संरक्षण, कल्याण और सामाजिक-आर्थिक, विकास के लिए उन रक्षोपायों का प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक हैं। आयोग पंचायती राज और शहरी निकायों में ओबीसी जातियों को आरक्षण देने का नवीन फार्मूला तय कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में नवीन आरक्षण लागू कर चुनाव करवाया जाएगा।
 
एक परिचय - राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) आयोग
 
सर्वाच्च न्यायालय के आदेश के अनुसरण में आयोग को राज्य के भीतर स्थानीय निकायों (ग्रामीण / शहरी) में सभी स्तरों पर अन्य पिछड़ा वर्ग के पिछड़ेपन की प्रकृति एवं उसके निहितार्थों की समसामयिक एवं अनुभवजन्य तरीके से गहन जांच / अध्ययन कर राज्य की पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरीय निकायों के निर्वाचनों में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में अनुशंसाएं राज्य सरकार को एक निश्चित समय में प्रस्तुत करनी है। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठ विधिवेत्ता एवं न्यायाधीश (सेनि.) श्री मदन लाल भाटी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय राज्य स्तरीय ओबीसी आयोग का गठन किया गया है, जिसने प्रदेश में कार्य करना शुरू कर दिया हैं। यह आयोग राजस्थान प्रदेश की सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के कल्याण एवं स्थानीय निकायों में उनके समुचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने हेतु पंचायती राज और शहरी निकायों में ओबीसी जातियों को आरक्षण देने का फार्मूला तय कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में आरक्षण लागू किया जाएगा। इस संबंध में आयोग नें राज्य के जन साधारण/अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण हेतु कार्यरत संस्थाओं/हितबद्ध/हितधारकों से अपील की है कि राज्य के वह अन्य पिछड़ा वर्ग के पिछड़ेपन के अध्ययन के संबंध में अपना प्रतिवेदन/सुझाव आयोग की ई मेल आईडी  वइबबवउउपेपवद25/हउंपस.बवउ पर अथवा जरिये डाक या किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय समय में और संभाग स्तर पर आयोजित होने वाले जनसंवाद कार्यक्रम में प्रतिभागिता निभा कर प्रस्तुत कर सकते हैं।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like