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गौ विज्ञान परीक्षा 2025 के पोस्टर का विमोचन युवाओं को गाय के वैज्ञानिक महत्व से जोड़ने का प्रयास

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10 Jun 25
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गौ विज्ञान परीक्षा 2025 के पोस्टर का विमोचन  युवाओं को गाय के वैज्ञानिक महत्व से जोड़ने का प्रयास

उदयपुर। भारतीय संस्कृति में गौ माता का स्थान अत्यंत पूजनीय रहा है। गाय केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि भारतीय कृषि, पर्यावरण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उसका अमूल्य योगदान है। आज के युवाओं को गाय के इस व्यापक महत्व से वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ जोड़ना समय की आवश्यकता है। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक ने प्रान्त की योजना बैठक में "गौ विज्ञान परीक्षा 2025" के पोस्टर विमोचन समारोह में व्यक्त किए।

राजस्थान क्षेत्र गौ सेवा संयोजक राजेन्द्र पामेचा ने बताया कि "गौ विज्ञान परीक्षा 2025" सितम्बर माह में होना प्रस्तावित है। परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों और समाज के हर वर्ग को भारतीय जीवनशैली, प्राकृतिक चिकित्सा और पर्यावरणीय संतुलन में गाय की भूमिका के बारे में शिक्षित किया जा रहा है। यह परीक्षा कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए तथा सामान्य नागरिकों के लिए यह परीक्षा वर्गानुसार आयोजित की जाती है।

पिछले वर्ष 2024 की परीक्षा में उल्लेखनीय सहभागिता रही।

राजस्थान में कुल 4,690 परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें लगभग 3,22,000 परीक्षार्थियों ने भाग लिया। वहीं, देशभर में 8,000 से अधिक केंद्रों पर करीब 7 लाख प्रतिभागियों ने परीक्षा दी, जो इस अभियान की व्यापकता और सामाजिक स्वीकार्यता को दर्शाता है।

परीक्षा पैटर्न एवं विशेषताएँ

यह परीक्षा बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होती है तथा पाठ्यक्रम की निशुल्क पुस्तिका सभी प्रतिभागियों को उपलब्ध कराई जाती है। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।

पोस्टर विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, चित्तौड़ प्रान्त संघचालक जगदीश राणा, प्रान्त कार्यवाह शंकर माली, प्रान्त प्रचारक मुरलीधर, प्रान्त गौ सेवा संयोजक भंवरलाल और सह संयोजक धनराज मालव भी उपस्थित रहे एवं अपने विचार व्यक्त किये।

गौ सेवा गतिविधि द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित गौ विज्ञान परीक्षा का उद्देश्य युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को गाय के वैज्ञानिक, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय महत्व से अवगत कराना है।गौ सेवा के विभिन्न आयामों को जनमानस तक पहुँचाने और वैज्ञानिक गौ चेतना के प्रसार के इस अभियान में राजस्थान के लगभग 2,500 कार्यकर्ता सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।

 


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