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इंटरनेशनल डे आॅफ बायोडायवर्सिटी- वेदांता हिन्दुस्तान जिं़क ने उदयपुर, बाघदड़ा नेचर पार्क मंे मगरमच्छों के संरक्षण के लिए किया एमओयू

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22 May 25
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इंटरनेशनल डे आॅफ बायोडायवर्सिटी- वेदांता हिन्दुस्तान जिं़क ने उदयपुर, बाघदड़ा नेचर पार्क मंे मगरमच्छों के संरक्षण के लिए किया एमओयू

नई दिल्ली, इंटरनेशनल डे आॅफ बायोडायवर्सिटी पर, वेदांता लिमिटेड भारत की एकमात्र महत्वपूर्ण मिनरल, एनर्जी ट्राजिंशन मेटल्स, पाॅवर, आॅयल एण्ड गैस और टेक्नोलाॅली कंपनी, ने बायोडायवर्सिटी की रक्षा और संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। कंपनी की राजस्थान स्थित कंपनी, हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड ने बाघदड़ा नेचर पार्क में मगरमच्छ संरक्षण रिजर्व को संरक्षित करने के लिए वन विभाग, उदयपुर के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इस एमओयू के तहत् 5 करोड़ रुपये के निवेश से पारिस्थितिक बहाली के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसका उद्देश्य लगभग 400 हेक्टेयर रिजर्व को दलदली मगरमच्छों के लिए संपन्न आवास में बदलना है।

राजस्थान के उदयपुर के कलड़वास ग्राम पंचायत में स्थित, बाघदड़ा कंजर्वेशन रिजर्व, 200 पक्षी प्रजातियों का निवास स्थान है, जहां बारहमासी झील के आसपास केंद्रित जैविक रूप से समृद्ध क्षेत्र है। वेदांता की बहुआयामी विकास रणनीति में संरक्षण, बुनियादी ढांचे और समुदाय-उन्मुख विभिन्न परियोजनाएं शामिल है। यह पहल वनरोपण, चेक डैम और तालाबों जैसे जल संरक्षण बुनियादी ढांचे और पैदल चलने के रास्तों, आश्रयों और शैक्षिक प्रदर्शनियों सहित पर्यावरण के प्रति संवेदनशील आने वाले क्षेत्रों के विकास के माध्यम से मगरमच्छों के लिए प्राकृतिक आवास को बहाल करने पर केंद्रित है। यह पहल कंपनी के यूएन एसडीजी 15 (भूमि पर जीवन) पर ध्यान केंद्रित करने के अनुरूप है और इस वर्ष की थीम ‘हार्मोनी विथ नेचर एण्ड सस्टेनेबल डवलपमेंट’ के अनुरूप है।


वेदांता अपनी प्रमुख पशु कल्याण परियोजना, द एनिमल केयर ऑर्गनाइजेशन (टीएसीओ) के माध्यम से वन्यजीवों की सुरक्षा में सबसे अग्रणी है। फरीदाबाद (हरियाणा) में चैबीसो घंटे पशु चिकित्सालय, छोडे़ हुए और घुमंतु पशुओं के लिए शेल्टर और एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर के साथ, टीएसीओ एडवांस एनिमल हेल्थ केयर, प्रिवेन्टिव वेटरनरी केयर, स्पै एवं न्यूटर कार्यक्रम, डायग्नोस्टिक एण्ड मोबाइल इमजेंसी केयर उपलब्ध कराता है।

टीएसीओ की वन्यजीव संरक्षण पहल, मिशन वनरक्षा के तहत, राजसी एक सींग वाले गैंडे के संरक्षण के लिए असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के साथ-साथ राजस्थान में रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के साथ रणनीतिक साझेदारी की गई है। ये सहयोग अवैध शिकार विरोधी शिविरों, निगरानी वाहनों की तैनाती और फ्रंटलाइन श्रमिकों के लिए आवास इकाइयों के प्रावधान जैसे उपायों के माध्यम से संरक्षण प्रयासों को मजबूत करते हैं।

वेदांता लिमिटेड की नाॅन एक्जीक्यूटीव डायरेक्टर प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा कि, बायो डायवर्सिटी हमारे ग्रह का दिल है। छोटी से छोटी तितली से लेकर बड़े बाघ तक, हर जीव इसकी धड़कन में अहम भूमिका निभाता है। टीएसीओ और हमारी संरक्षण योजनाओं के जरिए हम पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं और ऐसा भविष्य बना रहे हैं जहाँ पशु और समुदाय साथ-साथ तरक्की करें। रणथंभौर और काजीरंगा जैसे मशहूर अभयारण्यों के साथ हमारी साझेदारी प्रकृति के नाजुक संतुलन को बनाए रखने की हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दिखाती है।

वेदांता ने जैव विविधता के संरक्षण के लिए अपनी व्यावसायिक इकाइयों में विभिन्न पहल की हैं जैसे बड़े पैमाने पर वनीकरण अभियान, वेस्ट लेण्ड को ग्रीन बेल्ट में बदलना और मियावाकी वृक्षारोपण (उच्च घनत्व, तेजी से बढ़ने वाला वनीकरण) अभियान चलाना। माइकोराइजा तकनीक का लाभ उठाकर, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के सहयोग से, हिन्दुस्तान जिं़क अपनी इकाइयों के आसपास बायोडायवर्सिटी को बढ़ा रहा है और प्राकृतिक पारिस्थितिकी प्रणालियों की रक्षा कर रहा है। गोवा में, सहायक कंपनी सेसा गोवा ने कृषि वानिकी के माध्यम से देशी प्रजातियों और औषधीय पौधों के विकास को बढ़ावा देकर 200 हेक्टेयर में फैले सैंक्वेलिम माइंस को पुनः प्राप्त किया है, जिससे स्थानीय समुदायों को सहयोग मिला है। ओडिशा के झारसुगुड़ा में वेदांता एल्युमीनियम के जैव विविधता पार्क में 30 से अधिक तितली की प्रजातियां है और ओडिशा के लांजीगढ़ में एवियन एरिना पार्क पक्षियों को घोंसले के लिए सुरक्षित स्थान और पक्षियों पर्याप्त जल की सुविधा प्रदान करता है। आंध्र प्रदेश के रावा में केयर्न ऑयल एंड गैस के 86 एकड़ के मानव निर्मित मैंग्रोव में 150 पक्षी प्रजातियां, स्मूथ-कोटेड ऊदबिलाव और लुप्तप्राय फिशिंग कैट हैं वित्त वर्ष 2024 में, कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 से 2 मिलियन से अधिक पेड़ लगाए और विश्व आर्थिक मंच की ट्रिलियन ट्री पहल के अनुरूप 2030 तक 7 मिलियन पेड़ लगाने का लक्ष्य हासिल करना है।

वेदांता ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को कम करने, वाॅटर पाॅजिटिविटी को बढ़ाने, वेस्ट को रीसाइकिल करने और बायोडायवर्सिटी को बढ़ावा देने के लिए इनोवेटिव टेक्नोलाॅली और लक्ष्य के अनुरूप पहलों को अपनाने में अग्रणी रहा है। कंपनी सभी परिचालन स्थलों पर जैव विविधता का शुद्ध नुकसान न हो, इसके लिए योजना और प्रयास जारी रखती है और इसने अपनी 52 परिचालन परिसंपत्तियों में से 100 प्रतिशत के लिए जैव विविधता जांच पूरी कर ली है, जिससे जैव विविधता आधार रेखा सफलतापूर्वक स्थापित हो गई है।


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