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राजस्थान में वसुन्धरा राजे नही तो कौन…

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08 Dec 23
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राजस्थान में वसुन्धरा राजे नही तो कौन…

गोपेंद्र नाथ भट्ट

 

 

राजस्थान में मुख्यमंत्री की रेस के लिए चल रहें घमासान और वसुन्धरा राजे सहित कई नामों की चर्चा के कारण अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

 

विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के लिए चर्चित नामों में वैसे तो वसुन्धरा राजे सबसे सशक्त दावेदार बताई जा रही है क्योंकि वे राजस्थान की दो बार मुख्य मंत्री रही है और उनके पास सबसे अधिक समर्थक विधायक है लेकिन बताया जा रहा है की इस बार प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पसन्द का मुख्य मंत्री ही बनेगा और वे वह नाम देकर सबकों चौंकायेंगें।

 

भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गुरुवार रात को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।

 

बताते है कि क़रीब डेढ़ घण्टे चली इस मुलाक़ात में पूर्व सीएम राजे ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से जयपुर के एक रिसॉर्ट में उनके पुत्र दुष्यंत सिंह पर विधायकों की बड़ेबंदी के आरोप को गलत बताया।

उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को स्पष्ट करते हुए कहा कि विधायकों से मुलाकात शक्ति प्रदर्शन नहीं है बल्कि जीतने वाले विधायकों ने मुलाकात की है जो सामान्य बात है।

विश्वस्त सूत्रों की माने तों यदि वसुंधरा राजे प्रदेश को तीसरी बार मुख्य मंत्री नहीं बनी तो पूर्व सांसद ओम प्रकाश माथुर की संभावनाएं प्रबल है क्योंकि वह मोदी के मुख्यमंत्री काल में गुजरात में लम्बे समय तक संगठन मंत्री रहें । इसी प्रकार वे राजस्थान में भी संगठन मंत्री रहें है तबसे लेकर अब तक वे पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में पार्टी को हमेशा सफलताएं दिलाते रहे हैं। अभी भी छत्तीसगढ़ की सफलता में उनकी व्यूह रचना योगदान रहा है। फिर वे राजस्थान के हर कार्यकर्ता को जानते पहचानते हैं और लोकसभा के जो 25 सांसद है उनकी सीटों के बाबत भी पूरी जानकारी रखते हैं । मृदु भाषी तथा राजनीति के पुराने खिलाड़ी है ।हालाँकि उनकी उम्र पैमाने में आड़े आ सकती है।इसी प्रकार भूपेंद्र यादव का नाम भी गम्भीर हो सकता है जो मध्य प्रदेश के प्रभारी हैं तथा पूर्व में गुजरात के प्रभारी भी रहे हैं। लेकिन वे अभी कैबिनेट मंत्री है। केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव राजनीतिक पण्डित राजस्थान के मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे अश्विनी वैष्णव को सबसे आगे बता रहें है। वैष्णव ओबीसी वर्ग से आते है और प्रधान मंत्री मोदी के सबसे भरौसेमंद मंत्री बताए जाते है। वैष्णव राजस्थान के पाली जिले के मूल निवासी है और उनके परिवार जन जोधपुर में रहते है। अश्विनी वैष्णव भी केबिनेट मंत्री है और उनके पास तीन महत्वपूर्ण मंत्रालय रेलवे आईटी और संचार हैं । लोकसभा चुनाव को देखते हुए इनकी सफलता एवं सर्वोच्च परिणाम देने की क्षमता है। मोदी उनको अपनी कैबिनेट से इस समय नहीं हटाना चाहेंगे, क्योंकि फ़रवरी में ही बजट भी देना है।

भरौसेमंद सूत्रों के अनुसार राजस्थान में इस बार मुख्यमंत्री के साथ दो उप मुख्य मंत्री भी शपथ ले सकते है!जातिगत समीकरणों को साधने और हिन्दुत्व के मुद्दे को और अधिक सशक्त बनाने के लिए जयपुर राजघराने की नव निर्वाचित विधायक दिया कुमारी और अलवर जिले के तिजारा से विजयी बाबा बालक नाथ को उप मुख्य मंत्री बनाया जा सकता है।राजस्थान को लेकर भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व बहुत अधिक गम्भीर है और प्रदेश में स्थापित नेताओं के स्थान पर किसी नए चेहरे को आगे लाने का पक्षधर है।

वैसे भी भाजपाका केन्द्रीय नेतृत्व तीन प्रदेशों राजस्थान,मध्य प्रदेश और छत्तीस गढ़ में मुख्य मन्त्रियों के चयन की गतिविधियाँ तेजी पकड़ रही हैं। गुरुवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का भव्य स्वागत किया गया। इससे पूर्व विधान सभा चुनाव में विजयी रहें सांसदों ने प्रधानमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाक़ात की।

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इन प्रदेशों में मुख्य मंत्रियों के नाम तय करने के लिए दो बार से अधिक बार गहन विचार विमर्श किया है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस बार इन प्रदेशों में महिलाओं के साथ ही ओबीसी और अन्य जातिगत समीकरणों को साधने के अलावा युवा और नए चेहरों को आगे लाने की दिशा में आगे बढ़ रहा हैं ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा पीएम मोदी के कथन अनुसार अपनी हेट्रिक लगाने के लक्ष्य को और अधिक आसानी और मजबुती के साथ प्राप्त कर सकें।

यह भी बताया जा रहा है कि भाजपा तीनों प्रदेशों के मुख्य मन्त्रियों के चयन लिए ओपचारिकताएँ पूरी। करने के लिए पार्टी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों को सम्बन्धित प्रदेशों में भेज विधायकों की राय के अनुसार केन्द्रीय नेतृत्व को नाम सुझायेंगी और भाजपा संसदीय बॉर्ड के अनुमोदन के बाद इन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के नामों की घोषणा की जायेंगी। बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह तक तीनों प्रदेशों के मुख्य मंत्रियों का शपथ ग्रहण हों जायेगा।

राजनीतिक पण्डित बताते है कि राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीस गढ़ में यदि मुख्य मंत्री के नए चेहरे सामने आते है तों वे कौन से चेहरे होंगे इसके बारे में अभी सिर्फ कयास ही लगाए जा रहें है।सटीक भविष्यवाणी कोई नही कर पा रहा हैकि प्रधानमंत्री मोदी के मन में कौन है मुख्यमंत्री का नाम?

इधर तेलंगाना में कांग्रेस के मुख्य मंत्री रेवंत रेड्डी और उनके मंत्रीमंडल के सदस्यों के गुरुवार को शपथ ग्रहण के बाद इण्डिया गठबन्धन के नेताओं द्वारा भाजपा पर अपने तीन प्रदेशों के मुख्यमंत्री का अभी तक निर्णय नही किए जा पाने पर कटाक्ष किया है।साथ ही कहा है कि चुनाव परिणाम आने के पाँच दिनों के बाद मुख्यमंत्री तों दूर पार्टी द्वारा पर्यवेक्षकों के नामों का भी ऐलान तक नही हुआ है।भाजपा की ओर से इसके जवाब में सभी को सब्र रखने को कहा गया है।

 


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