उदयपुर,पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग द्वारा की ओर पेसिफिक डायबेकॉन 2025 का पीएमयू के डॉ.एम.एम.मंगल,पीएमसीएच के डीन डॉ.यू.एस.परिहार,पीएमसीएच की चिकित्सा अद्यीक्षक डॉ.सुनीता माहेश्वरी,एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ.एस.के.शर्मा,फिजीशीयन डॉ.डी.सी.कुमावत,पीडियाट्रिशन डॉ.देवेन्द्र सरीन,मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.गिरीश वर्मा एवं आयोजन सचिव एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ.आर.के.शर्मा ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन करके किया।
पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल ने इस सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि यह सम्मेलन मधुमेह और इसके उपचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसके सफल आयोजन के लिए मैं सभी को बधाई देता हूं। इस तरह के मंच पर चिकित्सा समुदाय को एक साथ लाना न केवल ज्ञान का आदान-प्रदान करने का एक बेहतरीन अवसर है, बल्कि इससे चिकित्सकों को नवीनतम शोध और उपचार पद्धतियों के बारे में जानकारी मिलती है,जो उनके रोगियों के इलाज में मददगार साबित होती है।
आयोजन सचिव एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ.आर.के.शर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन में दक्षिणी राजस्थान के प्रसिद्ध एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और वरिष्ठ चिकित्सक एकत्रित हुए, जिन्होने मधुमेह की रोकथाम,उपचार और प्रबंधन पर चर्चा की।
डॉ.शर्मा ने कहा कि पेसिफिक डायबेकॉन 2025 का उद्देश्य मधुमेह और उससे संबंधित रोगों पर चिकित्सा समुदाय के बीच जागरूकता फैलाना, नई चिकित्सा विधियों और उपचारों के बारे में जानकारी प्रदान करना और विशेषज्ञों के विचारों और शोध को साझा करना है।
इस दौरान गर्भावस्था में मधुमेह - माँ और बच्चे पर प्रभाव पर एक विशेष सत्र में बोलते हुए जयपुर के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ.एस.के.शर्मा ने कहा कि गर्भावस्था और श्रम के दौरान मधुमेह का प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल मातृ स्वास्थ्य,बल्कि शिशु के विकास पर भी प्रभाव डाल सकता है। गर्भवती महिलाओं में मधुमेह के स्तर का लगातार निगरानी रखना आवश्यक है,ताकि समय पर उपचार किया जा सके और किसी भी संभावित जटिलताओं से बचा जा सके। सही आहार,नियमित शारीरिक गतिविधि और उपयुक्त दवाओं के द्वारा हम गर्भवती महिलाओं में रक्त शर्करा का संतुलन बनाए रख सकते हैं।
पेसिफिक डायबेकॉन 2025 में डॉ.निलेश पतीरा ने इंसुलिन थेरेपी की शुरुआत और अनुकूलन,डॉ.विनोद बोकडिया ने आधुनिक इंसुलिन थेरेपी,डॉ.जगदीश विश्नोई ने हाइपरग्लाइसीमिक आपातकाल विषय पर,डॉ.जय चोघरी ने ग्लाइकेमिक नियंत्रण का लक्ष्य,डॉ.गिरीश वर्मा ने डायबेटिक डिस्लिपिडेमिया के प्रबंधन पर स्टेटिन से आगे,डॉ.जयेश त्रिवेदी ने मधुमेह का औषधीय प्रबंधन पर,डॉ. संदीप कंसारा ने मधुमेह में एरेक्टाइल डिसफंक्शन का उपचार,डॉ.रोहित यादव द्वारा मधुमेह रेटिनोपैथी के प्रबंधन के लिए वर्तमान दृष्टिकोण,डॉ.डी.सी.शर्मा ने सभी बच्चों में मधुमेह टाइप 1 नहीं होता, विषय पर बोलते हुए मधुमेह के प्रबंधन एवं उपचार पर जोर दिया। पेसिफिक डायबेकॉन 2025 में दक्षिणी राजस्थान के 200 से ज्यादा एंडोक्राइनोलॉजिस्ट,फिजिशीयन एवं रेजिडेन्ट्स चिकित्सको ने भाग लिया।
--