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आत्मा की शुद्धि और मोक्षमार्ग को अपनाना है दीक्षा - दिनेश मुनि

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07 Nov 25
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आत्मा की शुद्धि और मोक्षमार्ग को अपनाना है दीक्षा - दिनेश मुनि

नादौन : नादौन की पवित्र धरती पर आज एक अद्भुत एवं प्रेरणादायी आध्यात्मिक आयोजन आयोजित हुआ। श्रमण संघ के परम आदरणीय सलाहकार श्री दिनेश मुनि जी के सान्निध्य एवं आशीर्वाद में वैराग्य बहिन शीतलजी जैन का भव्य बहुमान एवं तिलक समारोह अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न किया गया। समारोह में डॉ दीपेन्द्र मुनि जी महाराज के 40 वें जन्मदिवस की शुभकामनाएँ भी श्रद्धालुओं जनो ने दी।
इस अवसर पर श्रमण संघीय सलाहकार दिनेश मुनि जी म. ने कहा कि दीक्षा जीवन का सबसे बड़ा और पवित्र संकल्प है। दीक्षा का अर्थ है—संसारिक मोह, माया, आसक्ति और भौतिक सुखों का त्याग कर आत्मा की शुद्धि और मोक्षमार्ग को अपनाना। यह केवल वस्त्र परिवर्तन या बाहरी रूपांतरण नहीं, बल्कि भीतरी जागृति और आत्मिक परिवर्तन की प्रक्रिया है।
आपने आगे कहा की दीक्षा के द्वारा जीव अपने वास्तविक स्वरूप को पहचानकर, संयम, त्याग और साधना के मार्ग पर अग्रसर होता है। यही जीवन को सार्थक बनाने का सच्चा मार्ग है। दीक्षा कायरो का नहीं शूरवीरों का मार्ग है। राग से त्याग, वासना से उपासना, विराधना से आराधना का मार्ग है दीक्षा।

वैराग्य बहिन शीतलजी जैन, जिनका जन्म 30 अक्टूबर 1990 को बोइसर (महाराष्ट्र) में हुआ, ने सांसारिक जीवन में रहते हुए भी धर्म, साधना और वैराग्य के पथ को अपनाने का अद्भुत संकल्प लिया। आपने B.Com और M.A. इन जैनोलॉजी की उपाधियाँ प्राप्त कीं, परंतु शिक्षा का अंतिम लक्ष्य आपने आत्मज्ञान और संयम को माना। बीते 7 वर्षों से वैराग्य मार्ग पर दृढ़ता और साधना के साथ अग्रसर रहने के पश्चात अब शीतल जैन 22 फ़रवरी 2026 को गुरुणी दक्षिण चंद्रिका महासाध्वी डॉ. श्री संयमलता जी म.सा. तथा साध्वी डॉ. कमलप्रज्ञा जी म., के सान्निध्य में जैन भागवती दीक्षा ग्रहण करने जा रही हैं।

इस पावन अवसर पर श्री एस. एस जैन सभा के प्रधान रमेश जैन, महामंत्री मनोज जैन, कोषाध्यक्ष रोहित जैन ने हिमाचल पारंपरिक टोपी व तिलक लगाया व साथ ही युवक मंडल नादौन, सन्मति महिला मंडल नादौन, व महिला मंडल की वरिष्ठ सदस्याओं तथा नगर के जैन परिवारों द्वारा संयुक्त रूप से वैराग्य बहिन शीतलजी जैन का तिलक एवं बहुमान किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ एक भव्य शोभायात्रा से प्रारंभ हुआ। जैन सभा के महामंत्री मंत्री श्री मनोज कुमार जैन तथा सन्मति मंडल की प्रधान ममता जी के निवास स्थान से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए स्थानक भवन पहुँची। शोभायात्रा में श्रद्धालुजनों का अपार उत्साह, भक्ति गीतों की स्वर लहरियाँ, और वैराग्य के जयघोष वातावरण को भावविभोर कर रहे थे।

स्थानक भवन पहुंचने पर तिलक एवं बहुमान की रसम संपन्न हुई। जिसमें नगर के अनेक श्रावक-श्राविकाएँ, गणमान्य नागरिक तथा संघ के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वैराग्य, श्रद्धा, और अध्यात्म का सुंदर संगम देखने को मिला। समारोह में मुमुक्षु शीतल जैन का मातेश्वरी मंजू जैन व साध्वी डॉ कमल प्रज्ञा की मातेश्वरी सायरादेवी जैन का जैन समाज की सदस्याओं द्वारा हार व उपरणा पहनाकर अभिनंदन किया गया । समारोह में श्रीमती रूमी गौरव जैन ने शीतल जैन का फोटोफ़्रेम कलात्मक रूप से तैयार किया हुआ भेंट किया।

यह आयोजन न केवल नादौन जैन समाज के लिए बल्कि समस्त नादौन वासियों के लिए गौरव का क्षण हुआ जब एक मुमुक्षु शीतल जैन संसारिक बंधनो को त्यागकर संयम और मोक्षमार्ग की दिशा में अपना जीवन समर्पित कर रही है।


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