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पारस हेल्थ उदयपुर ने 2 साल के बच्चे में खोपड़ी के फ्रैक्चर का किया सफल इलाज़,

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17 Oct 25
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पारस हेल्थ उदयपुर ने 2 साल के बच्चे में खोपड़ी के फ्रैक्चर का किया सफल इलाज़,

 उदयपुर: पारस हेल्थ उदयपुर ने हाल ही में एक दुर्लभ और जानलेवा हो सकने वाले बढ़ते खोपड़ी फ्रैक्चर (Growing Skull Fracture- GSF) का 2 साल के बच्चे में सफल इलाज किया है। यह उपलब्धि पीडियाट्रिक न्यूरोसर्जरी में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस केस की सफलता कॉम्प्लेक्स पीडियाट्रिक केयर के लिए पारस हॉस्पिटल उदयपुर की उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में स्थिति को मजबूत करती है।
बच्चे के सिर पर एक छोटी सी चोट लगने के आठ महीने बाद वहाँ एक पल्सेटाइल सूजन दिखने लगी। सीटी स्कैन से पता चला कि यह एक बढ़ता हुआ खोपड़ी फ्रैक्चर (Growing Skull Fracture) है। यह एक दुर्लभ स्थिति होती है। ऐसा बच्चों के सिर की चोटों में केवल लगभग 0.05% से 1.6% केसों में होता है, और यह मुख्य रूप से तीन साल से कम उम्र के बच्चों में ही होता है। चोट की वजह से खोपड़ी के अंदर की झिल्ली जिसे ड्यूरा मेटर कहते हैं, वह फट गई थी। इसके फटने के कारण दिमाग के कुछ टिश्यू और तरल पदार्थ फ्रैक्चर की जगह से बाहर निकल आए थे, जिससे फ्रैक्चर चौड़ा होता चला गया। अगर इस स्थिति का इलाज न किया जाता तो यह गंभीर न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका संबंधी) समस्याओं जैसे कि लकवा और दौरे की बीमारी पैदा कर सकता था।
पारस हेल्थ की न्यूरोलॉजिकल टीम का नेतृत्व न्यूरोसर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ अजीत सिंह ने किया। उन्होंने टाइटेनियम मेश और पेरीक्रेनियम का उपयोग करके एक नाजुक ड्यूरल रिपेयर और क्रेनियोप्लास्टी की। इस सावधानीपूर्वक प्रक्रिया ने न केवल खोपड़ी की संरचना को सही किया, बल्कि फंक्शनल और एस्थेटिक रूप दोनों तरह से सुधार किया। बच्चे की हालत में बहुत सुधार हुआ है और अब वह ठीक है।
इस केस की दुर्लभता पर बता करते डॉ अजीत सिंह ने बताया, "दो साल के बच्चे में बढ़ते खोपड़ी के फ्रैक्चर का इलाज़ करना बहुत मुश्किल होता है। मरीज़ का छोटा आकार, ड्यूरल रिपेयर और क्रेनियोप्लास्टी के लिए आवश्यक सटीकता की वजह से सावधानीपूर्वक योजना और सर्जिकल एक्सपर्टीज की जरूरत पड़ती है। हमारी टीम की सफलता पीडियाट्रिक न्यूरोसर्जरी को आगे बढ़ाने और उदयपुर में विश्व स्तरीय देखभाल प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
पारस हेल्थ उदयपुर के फैसिलिटी डॉयरेक्टर डॉ प्रसून कुमार ने कहा, " यह सफल इलाज़ इस बात पर ज़ोर देता है कि बच्चों के दुर्लभ केसों में जल्दी पहचान यानी डायग्नोसिस और समय पर सर्जरी बहुत जरूरी होती है। यह केस यह भी दिखाता है कि हमारा हॉस्पिटल राजस्थान के लोगों को एडवांस्ड और लाइफसेविंग न्यूरोसर्जिकल केयर प्रदान करने के लिए समर्पित है।
पारस हेल्थ उदयपुर स्पेशलाइज्ड और दयाभाव वाले हेल्थकेयर को प्रदान करने में लगातार बेंचमार्क स्थापित करता रहा है। हॉस्पिटल ने यह हमेशा सुनिश्चित किया है कि इस क्षेत्र में मरीजों को कॉम्प्लेक्स न्यूरोसर्जिकल प्रक्रियाओं की सुविधा मिले, साथ ही क्लीनिकल एक्सीलेंस का हाइएस्ट स्टैंडर्ड भी बना रहे।

 


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