GMCH STORIES

रामजी सृजित करेंगे विकसित भारत में रोजगार गारंटी और आजीविका के टिकाऊ अवसर, साथ ही कौशल विकास और आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था का निर्माण

( Read 1380 Times)

17 Dec 25
Share |
Print This Page

रामजी सृजित करेंगे विकसित भारत में रोजगार गारंटी और आजीविका के टिकाऊ अवसर, साथ ही कौशल विकास और आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था का निर्माण

नीति गोपेन्द्र भट्ट

केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर एक नए कानून और नए नाम विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), जिसे संक्षेप में *वीबी- जी - राम- जी*  का प्रस्ताव सामने लाया गया है। इस नाम परिवर्तन ने राजनीतिक, सामाजिक और वैचारिक स्तर पर एक व्यापक और नई बहस को जन्म दे दिया है।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) भारत की सबसे महत्वाकांक्षी और प्रभावशाली सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में से एक रही है। वर्ष 2005 में लागू इस अधिनियम ने ग्रामीण भारत के करोड़ों गरीब परिवारों को न केवल रोजगार की कानूनी गारंटी दी, बल्कि उन्हें सम्मानजनक आजीविका का साधन भी उपलब्ध कराया। अब केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के स्थान पर एक नए कानून और नए नाम *वीबी- जी - राम- जी*(विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) लाने से रणनीतिक बवाल पैदा हो गया है।

भारत सरकार का कहना है कि देश अब एक नए विकास चरण में प्रवेश कर रहा है, जहां लक्ष्य केवल न्यूनतम रोजगार उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि आजीविका के टिकाऊ अवसर, कौशल विकास और आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। विकसित भारत शब्द प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के @2047 के विजन को दर्शाता है, जिसमें भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी सोच के तहत रोजगार के साथ-साथ आजीविका को जोड़ते हुए योजना का नाम बदला जाना प्रस्तावित है।

मोदी सरकार के अनुसार वीबी- जी - राम- जी नाम ग्रामीण रोजगार नीति को एक मिशन मोड में ले जाने का संकेत देता है। वीबी- जी - राम- जी अपने आप में योजना के दायरे को स्पष्ट करता है। इसमें गारंटी शब्द यह संकेत देता है कि रोजगार का अधिकार बना रहेगा, जबकि रोजगार और आजीविका दोनों को साथ रखने से यह संदेश जाता है कि केवल अस्थायी मजदूरी नहीं, बल्कि लंबे समय तक आय के स्रोत विकसित करने पर भी जोर होगा। ग्रामीण शब्द जोड़कर यह स्पष्ट किया गया है कि यह मिशन ग्रामीण भारत केंद्रित रहेगा।

हालांकि, इस नाम परिवर्तन को लेकर विपक्ष और कई सामाजिक संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि महात्मा गांधी के नाम से जुड़ा एक सामाजिक और नैतिक प्रतीक है। गांधीजी का नाम ग्रामीण भारत, श्रम की गरिमा और सामाजिक न्याय के विचार से जुड़ा हुआ है। ऐसे में उनका नाम हटाना केवल एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि एक वैचारिक संदेश भी देता है। आलोचकों का मानना है कि नाम बदलने से पहले सरकार को योजना की जमीनी समस्याओं जैसे मजदूरी भुगतान में देरी, अपर्याप्त बजट आवंटन और काम की कमी पर ध्यान देना चाहिए। एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह भी है कि क्या नाम बदलने से योजना की कानूनी आत्मा पर कोई असर पड़ेगा। मनरेगा एक अधिनियम है, जो ग्रामीण परिवारों को रोजगार की कानूनी गारंटी देता है। यदि वीबी- जी - राम- जी नया कानून बनता है, तो यह जरूरी होगा कि रोजगार की गारंटी, बेरोजगारी भत्ता, सामाजिक अंकेक्षण और पारदर्शिता जैसे प्रावधान कमजोर न हों। विशेषज्ञों का मत है कि किसी भी नए कानून में इन मूल अधिकारों को बनाए रखना अनिवार्य है, अन्यथा यह बदलाव ग्रामीण गरीबों के हितों के विरुद्ध माना जाएगा।

नए अधिनियम समर्थकों का तर्क है कि यदि नाम परिवर्तन के साथ व्यावहारिक सुधार किए जाते हैं जैसे काम के दिनों की संख्या बढ़ाना, मजदूरी दरों को महंगाई से जोड़ना, डिजिटल भुगतान को और सशक्त बनाना तथा परिसंपत्ति निर्माण की गुणवत्ता सुधारना तो यह योजना अधिक प्रभावी हो सकती है। महिलाओं और अनुसूचित वर्गों की भागीदारी बढ़ाने तथा पंचायतों को अधिक अधिकार देने से भी वीबी- जी - राम- जी अपने उद्देश्य को बेहतर ढंग से पूरा कर सकता है।
मनरेगा से वीबी- जी - राम- जी तक का प्रस्तावित बदलाव केवल नाम का परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह सरकार की विकास दृष्टि, प्राथमिकताओं और राजनीतिक सोच को भी दर्शाता है। यदि यह बदलाव संसद से पारित होकर लागू होता है, तो उसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह ग्रामीण भारत के गरीब और मजदूर वर्ग के जीवन में वास्तविक सुधार ला पाता है या नहीं।

नाम चाहे जो हो, सबसे अहम यह है कि ग्रामीण भारत को सम्मानजनक रोजगार, सुरक्षित आजीविका और सामाजिक न्याय मिलता रहे—यही किसी भी योजना की असली कसौटी है।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like