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साहित्यकार भरत चन्द्र शर्मा को मिला विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान -कथा सम्मान 

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19 May 25
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नीति गोपेन्द्र भट्ट 

साहित्यकार भरत चन्द्र शर्मा को मिला विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान -कथा सम्मान 



साहित्य अकादमी नई  दिल्ली के रवीन्द्र भवन सभागार में आयोजित गरिमामय समारोह में साहित्यकार भरत चन्द्र शर्मा को विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के अन्तर्गत आयोजित " अनीता प्रभाकर कहानी सम्मान -2024" के लिए सम्मानित किया गया।यह सम्मान उन्हें उनकी "निर्जला" कथा रचना के लिए दिया गया है।

संचालक साहित्यकार अनुराग अन्वेषी ने लेखक परिचय में बताया ,पूर्व में श्री शर्मा , राजस्थान साहित्य अकादमी के "रांगेय राघव पुरस्कार" , गुजरात साहित्य अकादमी के श्रेष्ठ कृति सम्मान, पृथ्वीनाथ भान सम्मान सहित अनेक पुरस्कारों सें सम्मानित हो चुके हैं।
श्री शर्मा की साहित्य की विभिन्न विधाओं म़े तेरह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।जिसम़े उनकी पुरस्कृत कृतियां ह़ै -सुनो पार्थ !, कामाख्या , पीर परबत -सी, चयनित कहानियां आदि।
समारोह के अध्यक्ष लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार प्रताप सहगल (नाटककार ,कहानीकार, कवि, आलोचक) एवं मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित लेखिका साहित्यकार मीरा कांत ने शर्मा को अभिनंदन पत्र, सम्मान राशि भेंट कर तथा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
प्रताप सहगल ने अपने उदबोधन में कहानी की सशक्त बुनावट का उल्लेख किया।
कहानी प्रतियोगिता के निर्णायक गण सुप्रसिद्ध कहानीकार सर्व श्री निर्देश निधि, सविता मिश्रा, विजय मिश्रा ने कहानी पर समीक्षात्मक विचार प्रकट किये।
इस अवसर पर श्री शर्मा ने पुरस्कृत कहानी "निर्जला" का वाचन किया तथा सुप्रसिद्ध वरिष्ठ कथाकार सूर्यबाला जी की महत्त्वपूर्ण टिप्पणी का उल्लेख किया - " निर्जला " मनुष्य के मानस लोक की अबूझ रहस्यात्मकता का एक मायावी लोक सा रचती है। यथार्थ और कल्पना की इस लेंडिंग को कथाकार बखूबी संभाल ले गये हैं और अविश्वसनीय को पूरे सच तक उतार लाये हैं।कथा में कथा बुनने की इस तकनीक का निर्वाह कर ले जाना आसान नहीं है।
समारोह का सफल संचालन करते हुए सुप्रसिद्ध पत्रकार संपादक, लेखक अनुराग अन्वेषी ने बताया, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान जो सुविख्यात साहित्यकार एवं "आवारा मसीहा" जैसी चर्चित कृति के लेखक से संबंधित है तथा उनकी पुत्री स्व. अनीता प्रभाकर के नाम से आयोजित किया जाता है।
प्रारंभ में संस्था के अध्यक्ष साहित्यकार नवीनकुमार गोयल, अतुल कुमार मंत्री एवं समन्वयक बलराम अग्रवाल ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया तथा संस्था की साहित्यिक गतिविधियों का उल्लेख किया।
समारोह में लेखक, पत्रकार, बुद्धिजीवियों ने बडी संख्या में सहभागित्व किया।इस अवसर पर पहलगांव त्रासदी के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर समरोह का.समापन हुआ।

 


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