जयपुर,राजस्थान विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा है कि विधायक गोविंद सिंह डोटासरा विधानसभा की समिति के सदस्य पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक लाभ लेने का अनुचित और असफल प्रयास कर रहे हैं। गर्ग ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को समितियां में पुनर्गठन करने का अधिकार दिया गया था। इसके तहत ही विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने समितियों का पुनर्गठन कर सभापतियों में भी परिवर्तन किया है। विधानसभा की समितियां में यह परिवर्तन स्वाभाविक और नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है। विधानसभा की परंपराओं के अनुरूप राजस्थान विधानसभा में ऐसा ही होता रहा है। गर्ग ने कहा कि यह गलत प्रचारित किया जा रहा है कि नरेंद्र बुडानिया को सभापति पद से हटाया गया है वस्तुत उन्हें एक समिति के सभापति से बदलकर दूसरी समिति का सभापति बनाया गया है। ऐसा ही तीन अन्य विधायकों के साथ किया गया है जो भारतीय जनता पार्टी से संबंध रखते हैं।
गर्ग ने कहा कि डोटासरा का समिति की सदस्यता से इस्तीफा इस सामान्य प्रक्रिया को राजनीतिकरण करने का असफल प्रयास है। हकीकत यह है कि पिछले सत्र में श्री डोटासरा को असंसदीय एवं निंदनीय गतिविधियों के कारण सदन से निष्कासित किया गया था। उस दौरान उन्हें माफी मांगने के लिए कहा गया तो उन्होंने आसन के प्रति अत्यंत अशोभनीय भाषा का प्रयोग करते हुए माफी मांगने से इनकार किया था।
गर्ग ने कहा कि कई दिनों के गतिरोध के बाद अंततः नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और मुख्यमंत्री एवं सदन के नेता श्री भजनलाल शर्मा के मध्य हुई वार्ता के बाद नेता प्रतिपक्ष ने सदन में डोटासरा के व्यवहार के लिए खेद प्रकट करते हुए उनका निष्कासन माफ करने का अनुरोध किया, जिसे आसन ने तत्काल स्वीकार कर लिया। गर्ग ने कहा कि डोटासरा ने उसे मन से स्वीकार नहीं किया और एक दिन भी सदन की कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया। एक तरह से डोटासरा ने हठधर्मिता करते हुए सदन एवं विधानसभा की प्रत्येक गतिविधि का अघोषित बायकाट कर रखा है। इसलिए उनका इस्तीफा देना या ना देना का कोई अर्थ नहीं है और उनका यह व्यवहार निंदनीय है।