दूध तलाई पर हुआ जिला स्तरीय कार्यक्रम
गंगा पूजन, कलश यात्रा के साथ गूंजा जल संरक्षण का संदेश
शहर से लेकर गांव-ढाणी तक हुए आयोजन
उदयपुर, जल एवं पर्यावरण का संरक्षण करते हुए जल आत्मनिर्भर और हरा भरा राजस्थान बनाने और आमजन को जल संचय के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर गुरूवार को गंगा दशमी और विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान का जिले भर में उत्सवी अंदाज में आगाज हुआ। जिला से लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर जनभागीदारी के साथ जल स्त्रोतों की साफ-सफाई कर गंगा पूजन, पीपल पूजन और कलश यात्राओं के माध्यम से जल संचय का संदेश गुंजायमान किया गया। जिला स्तरीय कार्यक्रम दूध तलाई पर हुआ।
गंगा पूजन किया, दिलाया संकल्प
दूध तलाई घाट पर जिला प्रशासन, नगर निगम, राजीविका एवं जल संसाधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्तरीय वंदे गंगा जल संरक्षण जन आंदोलन का शुभारंभ समारोह जिले के प्रभारी तथा राजस्व एवं उपनिवेशन मंत्री श्री हेमन्त मीणा, खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव व जिले के प्रभारी सचिव श्री टी रविकांत, सांसद डॉ मन्नालाल रावत, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली, संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी, जिला कलक्टर नमित मेहता, समाजसेवी रविन्द्र श्रीमाली, गजपालसिंह, पूर्व उप महापौर पारस सिंघवी आदि के आतिथ्य में हुआ।
प्रारंभ में प्रभारी मंत्री श्री मीणा ने दूधतलाई के किनारे स्थित उद्यान परिसर से विधिवत् पूजन कर कलश यात्रा को रवाना किया। बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर कलश धारण कर परंपरागत भजन व लोक गीत गाते हुए चल रही थी। प्रभारी मंत्री सहित सभी अतिथि भी कलश यात्रा में शामिल हुए। कलश यात्रा दूध तलाई स्थित मुख्य छतरी के पास घाट पर पहुंची। वहां प्रभारी मंत्री सहित सभी अतिथियों ने गंगा पूजन किया। इससे पूर्व प्रभारी मंत्री श्री मीणा ने सभी को जल संचय एवं पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। इससे पूर्व अतिथियों का उपरणा ओढ़ा कर एवं पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया।
जन-भागीदारी से होगा जल संरक्षण का संकल्प पूर्ण
प्रभारी मंत्री श्री हेमंत मीणा ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप दे रही है। “वंदे गंगा” अभियान इस दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे जल स्रोतों की स्वच्छता, वर्षा जल संचयन एवं परंपरागत जलधाराओं के संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। हमारे पूर्वजों ने जल का महत्व समझते हुए उसके संरक्षण के लिए तालाब, झीलें बनवाई। उनकी दूरदर्शिता का लाभ आज भी हमें मिल रहा है। हमारा दायित्व है कि हम आज जल संचय कर आने वाली पीढ़ियों को भी इसकी सीख दें। इस दौरान नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, युडीए आयुक्त राहुल जैन, सीईओ जिला परिषद रिया डाबी, एडीएम प्रशासन दीपेंद्रसिंह राठौड़, गिर्वा एसडीएम सोनिका कुमारी, प्रशिक्षु आईएएस सृष्टि डबास सहित जिला प्रशासन, नगर निगम, जल संसाधन, राजीविका आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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