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*पर्यटन भारत की नई अर्थव्यवस्था का इंजन* 

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15 Oct 25
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*पर्यटन भारत की नई अर्थव्यवस्था का इंजन* 

भारत के केवल “इनक्रेडिबल इंडिया” नहीं, बल्कि “लीडिंग इंडिया ऑफ ग्लोबल टूरिज्म”बनने की उम्मीद*

गोपेन्द्र नाथ भट्ट 

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत का लक्ष्य आने वाले वर्षों में विश्व के शीर्ष दस पर्यटन देशों में शामिल होना है। दक्षिणी राजस्थान की विश्व प्रसिद्ध टूरिस्ट लेकसिटी उदयपुर में मंगलवार से प्रारंभ हुई दो दिवसीय नेशनल टूरिज्म कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में शेखावत ने कहा कि वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 2014 में जहां 60 के आसपास थी, वहीं अब यह 39वें स्थान पर पहुंच गई है। यदि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करें तो अगले पांच वर्षों में भारत विश्व टूरिज्म में अपनी रैंकिंग को 20वें स्थान तक ला सकता है और आगामी दस वर्षों में दुनिया के शीर्ष दस देशों में भी अपना स्थान बना सकता है। 

इस उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को “वन स्टेट वन ग्लोबल डेस्टिनेशन” की संकल्पना दी है, ताकि प्रत्येक राज्य कम से कम एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल विकसित करे। यह योजना न केवल विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगी, बल्कि घरेलू यात्रियों को भी अपने ही देश के नए आयामों से परिचित कराएगी। केंद्र सरकार के 50 ग्लोबल डेस्टिनेशन विकसित करने के लक्ष्य के अन्तर्गत हर राज्य अपना एक प्रमुख पर्यटन स्थल का प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा।दरअसल भारत के पास वह सबकुछ है, जो किसी भी देश को विश्व का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र बना सकता है। भारत का समृद्ध इतिहास, भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता, संस्कृति, परंपरा, ऐतिहासिक विरासत, धरोहरें, प्राकृतिक सौंदर्य, मौसम और व्यंजन आदि मिलकर ऐसा अनुभव देते हैं, जो दुनिया के किसी अन्य देश में उपलब्ध नहीं है । अब समय है कि हम इस क्षमता को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाएं। 

शेखावत ने राजस्थान की सराहना करते हुए कहा कि उदयपुर जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगर में इस कान्फ्रेंस का आयोजन भारत के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक आदर्श और प्रेरक उदाहरण है। उदयपुर न केवल भारत की धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे परंपरा और आधुनिकता एक साथ मिलकर विश्वस्तरीय पर्यटन का अनुभव दे सकते हैं। उन्होंने सम्मेलन के मुख्य अतिथि चंडीगढ़ के प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को मंच पर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। सम्मेलन में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और  पर्यटन मंत्री दिया कुमारी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। पर्यटन मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस के दौरान विभिन्न सत्रों में मेघालय, नागालैंड, लद्दाख, तमिलनाडु, केरल, नई दिल्ली, सहित अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों की ओर से अपने क्षेत्रों में पर्यटन के नए विश्वस्तरीय डेस्टीनेशन की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।नागालैंड के पर्यटन मंत्री तेम्जेन इम्मा एलॉन्ग ने सम्मेलन में अपने सम्बोधन की शुरुआत में कहा- “नागालैंड की धरती से झीलों की नगरी को नमस्ते!

नेशनल टूरिज्म कॉन्फ्रेंस में शेखावत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का पर्यटन क्षेत्र नई दिशा और नई ऊंचाइयां प्राप्त कर रहा है। पहले देश का 80 प्रतिशत इनबाउंड टूरिज्म केवल दिल्ली-जयपुर-आगरा सर्किट तक ही सीमित था, लेकिन आज हर राज्य में पर्यटन के नए अवसर उभर रहे हैं। यह प्रतिस्पर्धा भारत की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। कोविड-19 के बाद भारत का पर्यटन क्षेत्र अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ा है। वर्ष 2024 में भारत ने लगभग 2 करोड़ विदेशी पर्यटकों का स्वागत किया, जबकि देश के भीतर 284 करोड़ घरेलू यात्राएं दर्ज की गईं। पर्यटन क्षेत्र का योगदान अब भारत की जीडीपी में लगभग 6 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो अगले कुछ वर्षों में 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यटन अब केवल यात्रा का माध्यम नहीं, बल्कि रोजगार सृजन, सांस्कृतिक गर्व और आर्थिक विकास का इंजन बन चुका है।प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में हुए परिवर्तन ने पर्यटन को नई शक्ति दी है। देश में सड़क, रेल, हवाई और जलमार्गों की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे यात्रा पहले से कहीं अधिक सुलभ और सहज हुई है। केंद्र सरकार ने स्वदेश दर्शन 2.0 और प्रसाद योजना के माध्यम से सतत और जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा दिया है। डिजिटल इंडिया अभियान और इनक्रेडिबल इंडिया 2.0 पोर्टल जैसे प्रयासों ने भी देश के छोटे ऑपरेटर्स, ग्रामीण होस्ट और स्थानीय उद्यमियों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है।‘वन स्टेट वन ग्लोबल डेस्टिनेशन’ केवल एक नीति नहीं, बल्कि भारत के पर्यटन विकास का एक साझा संकल्प है, जो देश की सांस्कृतिक आत्मा को विश्व तक पहुँचाने का माध्यम बन सकता है। पर्यटन भारत की आत्मा है। यह लोगों को जोड़ने और भारत की कहानी को दुनिया तक पहुंचाने का माध्यम है। 

उम्मीद है भारत के ये भगीरथी प्रयास आने वाले वर्षों में भारत को केवल “इनक्रेडिबल इंडिया” नहीं, बल्कि “लीडिंग इंडिया ऑफ ग्लोबल टूरिज्म” बनायेंगे ।


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