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गुजरात टाइप-1 जुवेनाइल डायबिटीज़ पीड़ित बच्चों का इलाज करने वाला देश का पहला प्रदेश बना

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27 Dec 25
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गुजरात टाइप-1 जुवेनाइल डायबिटीज़ पीड़ित बच्चों का इलाज करने वाला देश का पहला प्रदेश बना

नीति गोपेन्द्र भट्ट 

नई दिल्ली । गुजरात  देश का पहला ऐसा प्रदेश बन गया है जिसने 0-18  आयु वर्ग के टाइप-1 जुवेनाइल डायबिटीज़ पीड़ित बच्चों के लिए पूरे राज्य में एक राज्यव्यापी प्रोग्राम शुरू किया है जिसके तहत गुजरात राज्य के सभी सरकारी ज़िला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में गुजरात के हर डायबिटीज़ वाले बच्चे का मुफ़्त इलाज किया जाएगा । 

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने हाल ही गांधीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में इस अभियान की शुरुआत की।इस अभियान के अंतर्गत टाइप- 1 डायबिटीज़ वाले बच्चों को निशुल्क इंसुलिन, मुफ़्त ग्लूकोमीटर, स्ट्रिप्स, कीटोन स्ट्रिप्स, लेबोरेटरी टेस्ट, तथा किसी भी प्रकार के कॉम्प्लीकेशंस के लिए मुफ़्त मेडिकल चेकअप आदि  सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी ।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल  ने इस अवसर पर घोषणा की कि राज्य सरकार टाइप- 1 डायबिटीज़ वाले हर बच्चे को गौद लेकर उसका निःशुल्क उपचार करायेगी । उन्होंने बताया कि वर्ष  2013-24  के सालाना बजट में  गुजरात सरकार ने टाइप- 1 डायबिटीज़ वाले बच्चों के इलाज और बचाव के लिए 13.87 करोड़ रुपए के प्रावधान की घोषणा की गई थी जिसे प्रति वर्ष आवश्यकतानुसार बढ़ाने का प्रावधान भी रखा गया था। 

मुख्यमंत्री पटेल ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के आरोग्य भारत की भावना के अनुरूप गुजरात में टाइप- 1 डायबिटीज़ से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए बजट प्रावधान के अनुरूप यह अभियान शुरू किया गया है । ख़ुशी की बात यह है कि इस कार्यक्रम के लिए भारत सरकार से भी इतनी ही राशि का सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री पटेल ने अभियान शुभारम्भ समारोह में टाइप- 1 डायबिटीज़ वाले बच्चों के लिए देश-विदेश में व्यस्पक जन जागरूकता अभियान चलाने के लिए गुजरात की दो बेटियों डॉ. स्मिता जोशी एवं डॉ. शुक्लाबेन रावल के अथक प्रयासों के लिए उनकी सराहना की।

*गुजरात के बाद राजस्थान दूसरा प्रदेश*

गुजरात के बाद राजस्थान देश में ऐसा दूसरा प्रदेश है जिसने अपने वार्षिक बजट में 0-18  वर्ष तक के बच्चों में टाईप वन किशोर डायबिटीज के उपचार और बचाव के लिए प्रदेश के हर जिला अस्पताल में डायबिटीज क्लिनिक स्थापित करने की घोषणा की है। भारत सरकार भी इस बारे में एक नीतिगत फैसला लेने की तैयारी कर रही है। ज्ञातव्य है कि भारत बच्चों की डायबिटीज़ के मामले विश्व में सबसे अधिक संख्या वाला देश है। इस मामले में अमरीका का दुनिया में दूसरा नंबर हैं।

उल्लेखनीय गई कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी  के “विकसित भारत @2047” के दृष्टिकोण को साकार करने और स्वास्थ्य संवर्धन के सम्बन्ध में  अपनी सिफारिशें, विशेषज्ञता, मार्गदर्शन और विशेष सुझाव देने के लिए गठित 26 सदस्यीय तकनीकी विशेषज्ञ समूह की सदस्य डॉ. स्मिता जोशी ने अपनी बहन डॉ. शुक्लाबेन अनिलभाई रावल ने भारत ही नहीं विश्व में बच्चों की डायबिटीज़ के प्रति जन जागरूकता पैदा करने के लिए भारत में कश्मीर से कन्या कुमारी तथा अमरीका में ईस्ट कोस्ट से वेस्ट कोस्ट तक स्वयं की कार से सात हज़ार किमी लंबी यात्राएँ की  हैं। उनके इन प्रयासों की देश विदेश में काफ़ी सराहना हुई है और स्वयं प्रधान मंत्री नरेन्द्र भाई मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मन्त्री सहित केन्द्र एवं राज्य के कई नेताओं आदि ने भी उन्हें सराहा हैं। 


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